अपने कार्यों को जनपद का इतिहास बना गए पुलिस अधीक्षक डॉ यशवीर सिंह

 

उरई जालौन। जनपद जालौन के अंदर पुलिस अधीक्षक डॉक्टर यशवीर सिंह हर वक्त सुर्खियां अपने तेजतर्रार बेहद ईमानदारी कार्य के लिए बटोरा है। 26 जुलाई 2020 को 2013 बैच के डॉक्टर यशवीर सिंह सिंह को जनपद जालौन का पुलिस अधीक्षक बनाया गया था। जिसके बाद उन्होंने काफी सुर्खियां बटोरने वाले काम किए हैं जो जनपद के लिए ने पूरे प्रदेश के लिए मिसाल बन कर रह गए थे जनपद के इतिहास में पहली बार सट्टा जुआ बंद पुलिस अधीक्षक डॉक्टर यशवीर सिंह के नेतृत्व वाली टीम ने किया था। प्रदेश में सबसे बड़ी सफलता थी जनपद जालौन के कुठौंद थाना के अंतर्गत भारी मात्रा में शराब बरामद की गई थी। प्रदेश के किसी जनपद में इतनी भारी मात्रा में शराब पहली बार बरामद हुई थी। लॉकडाउन का पालन कराने के साथ जनता को राहत दी, तो वही अपराध मुक्त जालौन के लिए एक सराहनीय कार्य करके दिखाया। कोरोना काल में ज्यादातर व्यापार बंद या बर्बाद हो गए। वहीं देखा जा रहा है कि लॉकडाउन का पालन कराने के लिए हर एक चीज बंद पड़ी है।उसके बाद भी छोटे तबके के लोगो को रियायत देने के साथ जहा यूपी पुलिस गरीबों को परेशान करने और उनकी दुकानों उनके साथ मारपीट के लिए सुर्खियां बटोर रही थी,तो वही जालौन का पुलिस विभाग पुलिस अधीक्षक के नेतृत्व में अपने नेक कार्यों के लिए पहेचान बना रहा था। अगर वही वरिष्ठ पत्रकारों और काले कारनामे करने वालो की गुप्त सूत्रो की सुने तो जनपद के इतिहास के लिए पुलिस अधीक्षक हमेशा याद किए जाएंगे। क्यों कि जनपद में पहली बार सट्टा जुआ अवैध दारू पहली बार बंद हुई थी। इससे पहले कई अधिकारी आए कभी प्रयास किया लेकिन सभी असफल रहे। यह काले कारनामे किसी ने बंद नही करा पाए। जनपद के इस इतिहास को कोई नही भुला सकता। वही विभाग के कर्मचारी भी बेहत उनके कार्यों से खुश रहते थे। क्यों की काम भी ईमानदारी के साथ किसी सत्ता पक्ष या अन्य किसी के दबाव में नही करना पड़ता था। जब तक कर्मचारियों की गलती सिद्ध नहीं होती थी। तब तक किसी कर्मचारी पर कोई कार्यवाई या तबादला नही किया जाता था। जिसके चलते अधिकारी भी बेझिझक कार्य करते थे। वही उत्तर प्रदेश का सबसे मजबूत, सबसे बड़ा संगठन ग्रामीण पत्रकार एसोसिएशन के लिए जो हर महीने के तीसरे शुक्रवार को हर थाने पर मीटिंग रखने का आदेश किया। उसके बाद पत्रकारों पुलिस के बीच नजदीकियां ओर बढ़ गई साथ में जनता की समस्या भी कम होने लगी क्यों की हर महीने थानेदारों से पत्रकार कुछ समस्या हल करा देते। इस आदेश के बाद प्रदेश में पुलिस अधीक्षक ने सुर्खिया बटोरी और सभी पत्रकारों ने उनका आभार व्यक्त करते हुए धन्यवाद दिया। जनपद में अपने हर पल को पुलिस अधीक्षक ने एक अधिकारी के रूप में नही अपने परिवार के रूप में व्यतीत किया। उनके तबादले की खबर जब लोगो को लगी उनके विभाग के साथ जनता में कभी गम देखने को मिला। सभी के शब्द यही थे, कुछ दिन और रहे जाते। लिखने के लिए पूरी किताब और उनके उत्साहित करने के कार्य है, छोटी सी लेखनी में जनपद में बिताए हुए पल लिखे जो हमने यह के लोगो ने महसूस किए। कुछ लोग बताते हैं, यह के जनप्रतिनिधि उनके कार्यों से नाराज चल रहे थे। इसके चलते उनको जनपद से हटाया गया। अब कारण जो भी रहा हो लेकिन जनपद का इतिहास उन्हे अपने पास से कही नही जाने देगा। सलाम करते है, डॉ यशवीर सिंह सर की ईमानदारी निष्ठा एवं उनकी ऊर्जा  के कायल हो गए सभी !