अमृत सरोवर तालाब में भुजरिया विसर्जित करके सुख-समृद्धि का आशीर्वाद मांगा
जगम्मनपुर ( जालौन) – सोमवार को भुजरिया पर्व परंपरागत उत्साह से मनाया गया। जो लोग अपने-अपने घरों में ज्वारे रखते हैं उनका विसर्जन वे इस पर्व के दिन करते हैं। फसलों की अच्छी पैदावार, धन-धान्य व सुख-समृद्धि की कामना के लिए यह पर्व मनाया जाता है। परंपरानुसार अन्य का पहला दाना ईश्वर और प्रकृति को अर्पित करते हैं ताकि खेतों में फसलों की अच्छी पैदावार हो। प्राचीनकाल में जब भारतीय समाज खेती पर आश्रित जीवन यापन करता था जब अच्छे पैदावार के लिए धरती, हवा, पानी, सूर्य इत्यादि का आह्वान करते हुए फसल का पहला दाना, ज्वारे प्रकृति को समर्पित किया जाता था। नदी-तालाबों व पेड़ों के पास ज्वारे विसर्जित करने की परंपरा है। ज्वारों का विसर्जन पूजन-अर्चना करके चल समारोह निकालते हुए सामूहिक रूप से किया जाता है। कोरोना संक्रमण के कारण पिछले 3 साल से लॉकडाउन के चलते ज्वारे विसर्जन सादगी से किए गए थे। इस बार कोरोना ना होने कारण लोगों में भुजरिया पर्व के प्रति काफी उत्साह देखा गया। बड़ी संख्या में ग्राम पंचायत जगम्मनपुर के मुख्य अमृत सरोवर तालाब में लोगों ने भुजरिया विसर्जित कीं।
इसके बाद ग्राम वासियों ने एक – दूसरे को भुजरिया देकर गले मिले ।