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उद्योग विभाग की सरपरस्ती के कारण मजदूरों को रोजगार मिलने का सपना टूटा

उद्योग विभाग की सरपरस्ती के कारण मजदूरों को रोजगार मिलने का सपना टूटा

– लगने वाली जमीन पर हुआ अतिक्रमण ईंट गिट्टी बालू के लगे ढेर

– लघु सीमांत उद्योग में बड़े स्तर पर चल रही बिल्डिंग मटेरियल की अवैध दुकान

– कुरकुरे , चिप्स , अचार व छोटे स्तर पर उद्योग लगने के बजाय ईंट गिट्टी बालू का सजा कारोबार

माधौगढ़ (जालौन)- तहसील स्तर पर रोजगार के संसाधन ना होने के कारण ही मजदूरों को बाहर पलायन करना पढ़ता है इस स्थिति को सभालने के लिये माधौगढ़ तहसील के अंतर्गत लघु सीमांत उद्योग का विस्तार करवाया गया ताकि यहीं रोजगार मिलने के अवसर बन सके लोगों को बाहर पलायन न करना पढ़े इसके लिए लघु उद्योग विभाग की जगह भी चिन्हित की गयी जिसमें कुरकुरे पापड़ चिप्स , अचार अन्य छोटे स्तर के कारखाने लगाए जाने के लिए वर्ष 1994 – 95 में 99 वर्ष के लिए पट्टे कर दिये गये लोगों ने कारखाने लगाने के नाम पर पट्टे करवा लिए तो वहीं किन्ही ने अपने नाम दर्ज पट्टे विक्रय कर दिये तो किन्ही ने आलीशान मकान बनाकर निवास बनाकर तैयार कर लिया इतना ही नही वर्तमान में बढ़ते अबैध करोबार में इजाफा हुआ जिसमें विभाग की सरपरस्ती के चलते चौधरी इंटर प्राइजेज बिल्डिंग मटेरियल की अबैध दुकान डाल दी गयी जिसमें ईंट बालू गिट्टी सीमेंट के ढेर लगाकर अबैध कब्जा कर लिया गया।
वैसे तो सरकार सरकारी जमीनों से अतिक्रमण हटाने को आतुर दिखाई देती है लेकिन लघु उद्योग में सीमांत लघु उघोग को ही बढ़ावा दिया जाता है लेकिन यहाँ तो कुछ और ही दिखाई पड़ रहा है। लघु उद्योग की जानकारी के अनुसार बेरोजगारों को रोजगार दिलाने के लिए कस्बे में मिनी औद्योगिक आस्थान की स्थापना की गई थी। अधिकारियों की अनदेखी के चलते उद्योग नहीं लगे और प्लाट आवंटियों ने आलीशान मकान बनवा लिए हैं। इससे 44 इकाइयों से हजारों बेरोजगारों को रोजगार मिलने का सपना पूरा नहीं हो सका। जिला उद्योग केंद्र के महाप्रबंधक ऐसे सभी मामलों की जांच कराकर कार्रवाई करने की बात कहते रहे। कस्बे में स्थापित किए मिनी औद्योगिक आस्थान में वर्ष 1994-95 में 99 वर्ष के लिए 44 प्लाटों के पट्टे रोजगार करने के लिए दिए गए थे। जब पट्टों का आवंटन किया था तब जिला उद्योग केन्द्र के महाप्रबंधक एसडी पांडे थे। उन्होंने 99 वर्ष के लिए रजिस्ट्री के साथ 15 वर्ष तक के लिए 690 रुपए वार्षिक जमा कराकर उद्योग चालू कराने के निर्देश दिए थे। इस पर बच्ची कुशवाहा ने आरा मशीन, सुरेंद्र अवस्थी ने बर्फ फैक्ट्री, अनुराग प्रताप ने अगरबत्ती, लाखन सिंह ने तेल मिल चालू कर दिया। वहीं उद्योग शुरू न होने पर जिला उद्योग केंद्र के महाप्रबंधक एसके चौधरी ने सात प्लाट निरस्त करने के आदेश दिए। इस पर कई आवंटियों ने मकान के आगे कारखाने के नाम लिखवा दिए और काम शुरू नहीं किया। कुछ प्लाटों पर दो मंजिल आलीशान मकान बना दिए गए। मिनी औद्योगिक आस्थान में 44 इकाइयों में कारोबार शुरू होता तो क्षेत्र के पांच सैकड़ा लोगों को रोजगार मिल जाएगा। वहीं क्षेत्रीय जनता को कम पैसे पर अच्छा सामान मुहैया हो जाता यहां नमकीन, चिप्स, पापड़, आचार, अगरबत्ती, जाली, गमला, फर्नीचर, लोहे की चौखट, लकड़ी फर्नीचर, आभूषण, तेल, टायर ट्यूब, साबुन, दोना पत्तल, डलिया उद्योग आदि लगाए जा सकते हैं।
इनसेट
विभागीय द्वारा मिली जानकारी के अनुसार माधौगढ़ लघुउद्योग के दस्ताबेज विभाग के पास मौजूदा समय में दर्ज है।

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