एक वर्ष के अंदर प्रदेश के सरकारी भवनों पर रूफटॉप रेनवाटर हार्वेस्टिंग के कार्य कराए जाएंगे – मुख्यमंत्री

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एक वर्ष के अंदर प्रदेश के सरकारी भवनों पर रूफटॉप रेनवाटर हार्वेस्टिंग के कार्य कराए जाएंगे – मुख्यमंत्री

 

चित्रकूट – भूजल सप्ताह का मुख्यमंत्री द्वारा वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से समापन किया गया।
मुख्यमंत्री ने भूजल सप्ताह के समापन पर सभी प्रदेशवासियों को बधाई सी और कहा कि 16 जुलाई से 22 जुलाई तक पूरे उत्तर प्रदेश में जल शक्ति विभाग द्वारा भूजल सप्ताह का आयोजन करके जल स्तर को बढ़ाने का एक अभिनव कार्य किया गया है । भूजल एक महत्वपूर्ण प्राकृतिक संसाधन है जब हम दुनिया से भूजल पर बात करते हैं तो उत्तर प्रदेश समृद्ध साली व भाग्यशाली प्रदेश है की सरफेस वाटर व भूगर्भ जल पर कमी नहीं है लेकिन प्रकृति के साथ किस रूप में उपयोग करना है उसमें चिंता करनी होगी । पिछले तीन-चार दशक के बाद भूजल के कारण व्यापक विषमता मिली है प्रदेश के अंदर 287 विकासखंड में भूजल 20 सेंटीमीटर तक की गिरावट हुई है 77 विकास खंडों में एक से आधा मीटर तक गिरावट मिली है 82 विकास खंडों पर अतिदोहित तथा 47 क्रिटिकल 151 विकासखंड सेमी क्रिटिकल में पाए गए । कहा कि प्रदेश में भूजल की उपलब्धता लगातार कम हो रही है जिसमें चिंता करना आवश्यक है आमजन को भूजल के प्रति लोगों को जागरूक किया जाए । 16 जुलाई से 22 जुलाई तक भोजन सप्ताह मना कर भूजल स्तर बढ़ाने के कार्य पूरे प्रदेश में किए गए । जल सत्याग्रहियों के द्वारा जो अनुभव किया गया उसमें स्वयं भी जनपदों पर देखा है तालाबों का जीर्णोद्धार चैक डैम के जो कार्य हुए हैं उनके सार्थक परिणाम आ रहे हैं । प्रदेश के कई जनपदों पर भूजल प्रदूषित के भी मामले आए हैं । जिनका परीक्षण कराया जा रहा है पेयजल व कृषि के क्षेत्र पर सरकार कार्य कर रही है आगामी एक वर्ष के अंदर पूरे प्रदेश के सरकारी भवनों पर रूफटॉप रेनवाटर हार्वेस्टिंग के कार्य कराए जाएंगे । साथ लोगों से अपील की कि आप लोग अपने अपने घरों पर भी रेन वाटर हार्वेस्टिंग के कार्य को कराएं । प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों के जल में खारापन है इस पर भी कार्य किया जा रहा है खेत तालाब, चेकडैम, रेन वाटर हार्वेस्टिंग के माध्यम से भूजल स्तर को बढ़ाया जाएगा । नगर निकायों से कहा कि जो भवनों का नक्शा पास किया जाए उसमें रेन वाटर हार्वेस्टिंग को भी जोड़ा जाए। जल है तो कल है हमें अपना भविष्य को सुरक्षित रखना है तो प्रकृति के जल को सुरक्षित रखना होगा। बरसात को देखते हुए अभी से ही जल सुरक्षित करने का कार्य शुरू कर दें तो काफी भूजल की समस्या को समाप्त कर पाएंगे । जब हम वृहद स्तर पर कार्य करेंगे तो हम आप लोग भूगर्भ जल स्तर को बढ़ाएंगे समृद्धि के स्तर पर प्रदेश को बढ़ाया जाए ।
एनआईसी में वीडियो कांफ्रेंसिंग के दौरान जिलाधिकारी चित्रकूट शेषमणि पांडेय, मुख्य विकास अधिकारी डॉ महेंद्र कुमार, जिला विकास अधिकारी आरके त्रिपाठी, परियोजना निदेशक अनय कुमार मिश्रा, सहायक अभियंता लघु सिंचाई विनय कुमार श्रीवास्तव, ग्राम प्रधान सेमरिया जगन्नाथ वासी दिव्या त्रिपाठी, सर्वोदय सेवा आश्रम के अभिमन्यु सिंह सहित संबंधित अधिकारी मौजूद रहे ।