कहाँ पे ढूंढें तुम्हें और कहाँ तलाश करें : कश्फ़ी वरिष्ठ स्तंभकार के.पी.सिंह को द्वितीय नेता जी सम्मान से किया गया सम्मानित
उरई(जालौन) शहर के राठ रोड स्थित विजय विक्रम रिसोर्ट में एक शाम सुरेंद्र के नाम से कवि सम्मेलन व मुशायरा आयोजित हुआ। इसमें कवियों और शायरों ने एक से बढ़कर एक रचनाएं पढ़ी। किसी ने नफरत मिटाने की बात की तो किसी ने बेरोजगारी पर व्यंग किया। ज्यादातर साहित्यकारों ने सुरेंद्र मौखरी को याद करते हुए रचनाएं पढ़ीं । कार्यक्रम की शुरुआत पूर्व ज़िला पंचायत अध्यक्ष शिशुपाल यादव पूर्व मंत्री हरिओम उपाध्याय प्रभारी महेश कश्यप चंद्रशेखर मौखरी दीपराज गुर्जर प्रदीप दीक्षित ने दीप जला और पुष्प अर्पित किया प्रिया श्रीवास्तव दिव्यम की सरस्वती वंदना और अख्तर जलील की नाते पाक से शुरू हुए प्रोग्राम देर रात तक चला।कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यकार यज्ञदत्त त्रिपाठी ने की प्रोग्राम का संचालन मशहूर शायर शफीकुर्रहमान कश्फी ने किया। दिव्यांशु दिव्य ने पढ़ा हम छोटे भाई हैं उनके इस बात पर नाज़ करेंगे,छूट गए हैं जो भी उनसे पूरे हम सब काज करेंगे,डॉक्टर अनुज भदौरिया ने पढ़ा भला ह्रदय में कमी सभी के कोई केंद्र होता है,किंतु सभी के दिलों में धड़के वो सुरेंद्र होता है,अख्तर जलील ने पढ़ा मैंने दुआ में मांगी थी आंखों की रौशनी ,हैरान हूं कि आपका दीदार हो गया,प्रिया श्रीवास्तव दिव्यम ने पढ़ा कटना मुश्किल है कुछ कहें कैसे दर्द तन्हाई का सहे कैसे आपसे दूर रहना मुश्किल है आपसे दूर हम रहें कैसे,सिद्धार्थ त्रिपाठी ने सुनाया प्रिय सुरेंद्र तुम गए नहीं हो हम सबके दिल में रहते हो,जब भी चित्र तुम्हारा देखें लगता है तुम कुछ कहते हो,शिखा गर्ग ने पढ़ा नहीं भूल पाएंगे उनको कभी उनको हम रहेंगे हमेशा दिलों में हमारे,मुक़री ने सबको हंसाया अब्बा गए थे बात मेरी लेके जिस जगह ,उस घर के खुद वो दोस्तो दामाद हो गए,इंदु विवेक ने पढ़ा वो सामने थे या कोई तस्वीर थी उनकी,घुलता हुआ शहद था या तकरीर थी उनकी, राघवेन्द्र कनकने ने पढ़ा तुम जो हमसे बिछड़ गए अब तुमसे मिलना हो शायद,शाख छोड़ कर गए फूल का फिर से खिलना हो शायद,कवि कृपालु जी ने पढ़ा,धरती बंजर हो रही नईंये कछु जुगाड़,गर्रा बैल लखनऊ बंधे दिल्ली छुट्टा सांड़, इसी दौरान मिर्ज़ा साबिर बेग ने सुरेंद्र को याद करते गीत सुना सभी की आंखें नम हो गईं अध्यक्ष यज्ञदत्त जी नेपढा अमिय व्यर्थयश वान बन गया देव जनों के अधर सजा कर,जाने कितने लोग अमर हैं बिना सुधा के इस वसुधा पर,इसके अलावा प्रियंका शर्मा,शिरोमणि सोनी,अभिषेक सरल अतीक सर,राम बाबू कठेरिया ने भी काव्यपाठ किया मंच पर श्रीमती संध्या सुरेंद्र मौखरी पूर्व जिला पंचायत सदस्य श्रीमती सिंधु मौखरी बेटी सोनू तनु और मनु मौखरी ने सभी कवियत्रियों को स्मृति चिन्ह शाल ओढ़ा कर सम्मानित किया वहीं बड़े भाई चंद्रशेखर मौखरी रिंकू मौखरी टिक्कू मौखरी,सूर्यांश सुरेंद्र और ओम मौखरी अजीत गुड्डू ने सभी कवि और शायरों को स्मृति चिन्ह दे कर शाल ओढ़ा कर सम्मानित किया इस दौरान अवधेश महाराज आनंद परिहार, राहुल पिरौना, निर्दोष राजपूत, विक्की पटेल अनुज मौखरी नवीन विश्कर्मा शैलेन्द्र रामु शैलेन्द्र सभासद फरहत उल्ला पवन पटेल हनुमंत प्रजापति अरविंद लल्ला भगवत मौखरी गोपाल तिवारी लल्लन यादव वीनू ठाकुर गगन राजपूत आदि सैकड़ों लोगों से हाल भरा रहा।