कृषि रक्षा रसायनों का सावधानी के साथ करें प्रयोग
– जिला कृषि अधिकारी ने दी किसानों को जानकारी 
चित्रकूट ब्यूरो: जिला कृषि अधिकारी आर पी शुक्ल ने बताया कि कृषि रक्षा रसायनों का अधिकतम प्रभाव, उनके उपयोग एवं उपयोग करते समय अपनाई जाने वाली प्रक्रिया एवं सावधानियों पर निभर्र करता है। अतः सभी किसान किसी भी रसायन के प्रयोग से पहले पैंकिग में दी गई जानकारियों को ध्यान से पढें तथा इसके बाद ही प्रयोग करें।
उन्होंने किसानों से कीटनाशक रसायनों के प्रयोग में कहा कि ज्यादातर शत्रु कीट रात्रिचर होते इसलिए इन रसायनों का छिडकाव सायंकाल करें ताकि मित्र कीट बचे रहें। जैविक रसायनों जैसे की ट्राइकोडमार्, ब्यूवेरिया, ट्राइकोकाडर्, एनपीवी, बीटी, नीम तेल आदि का ज्यादा से ज्यादा प्रयोग करें। रसायनों का घोल बनाने से पहले स्प्रेयर मशीन को भली भांति साफ कर लेना चाहिए। रसायनों के छिडकाव के लिए उपयुक्त नॉजल जैसे की कीटनाशक के एि हालो कोन तथा खरपतवार नाशक के लिए फ्लैट फैन नॉजल का प्रयोग करें। छिडकाव के समय सुरक्षा किट का प्रयोग करें तथा अपने शरीर एवं चेहरे को ढक कर रखें। छिडकाव हवा की दिशा को देखते हुए करें। रसायनों का घोल बनाने के लिए स्वच्छ पानी का ही प्रयोग करें। छिडकाव के समय या बाद में कोई विषाक्तता की स्थिति या परेशानी महसूस होने पर तुरंत स्वच्छ पानी से शरीर एवं चेहरे को साफ करें और चिकित्सक से सलाह ले। चिकित्सक के पास जाते समय कीटनाशक को अपने साथ जरुर ले जाये। कृषि रक्षा रसायनों जैसे की कीटनाशक, फफूदीनाशक या खरपतवारनाशक को बिना किसी विषेशज्ञ के सलाह के एक साथ न मिलायें। कृषि रक्षा रसायनों को बच्चों की पहुंच से दूर रखना चाहिए। शाकीय फसलों पर कीटनाशक के उपयोग के 10-15 दिन तक उसका उपभोग कदापि न करें। उन्होंने बताया कि सहभागी फसल निगरानी एवं निदान प्रणाली के व्हाट्स नंबर 9452247111 या 9452257111 पर फसलों के कीट/रोग की फोटो एवं पता सहित इन नंबरो पर डालने के 48-72 घंटे के अंदर कीट/रोग की समस्या का निदान किए जाने का सुझाव आपके मोबाइल नम्बर पर संदेश के माध्यम से आ जाएगा।