ग्राम पंचायत सिलऊवा जागीर के मजरा जालौन खुर्द में कंपोजिट विद्यालय का एकल कक्ष बना भूसाघर
कुठौंद( जालौन ) एक तरफ जहां प्रदेश सरकार गौवंशों को संरक्षित करने के लिए जल की धारा की तरह बजट को बहा रही है कि किसी प्रकार से गोवंश तथा उनमें संरक्षित होने वाला भूसा सुरक्षित रहे परंतु कई अस्थाई गौशालाएं ऐसी भी हैं जहां आज तक वहां भूसा घर का निर्माण नहीं हो सका लिहाजा विद्यालय के कक्ष में भूसा भर करके अपने दायित्वों की इतिश्री कही जा सकती है। जब विद्यालय भूसाघर
बन जाएंगे तो शिक्षा का मंदिर कितना पवित्र होगा इस पर भी गौर तलब करना जरूरी है।कि
विकासखंड कुठौंद की ग्राम पंचायत सिलऊवा जागीर के मजरा जालौन खुर्द का हस्र है !यहां पर अस्थाई गौशाला धरातल पर संचालित की जा रही है !परंतु गोवंशजो के लिए सुरक्षित भूसा रखने के लिए कोई भी स्थान अनुकूल नहीं है !वैकल्पिक तौर पर विद्यालय में बना एकल कक्ष को भूसा घर का स्वरूप दे दिया गया है! जिसको लेकर ग्रामीणों नें एतराज व्यक्त किया है। जबकि मनरेगा योजना के तहत गौशाला परिसर में ही अस्थाई भूसा घर का निर्माण किया जाना भी संभव हैं! फिर भी जिम्मेदार लोगों ने इस और आज तक कोई गौर तलब नहीं किया जो उनकी ओछी मानसिकता को प्रदर्शित करता है। जालौन खुर्द निवासी प्रगतिशील कृषक एवं समाजसेवी श्रीकांत चतुर्वेदी (मुखिया) ने बताया की विद्या के पवित्र आंगन को भूसा घर बनाकर अपवित्र ना किया जाए क्योंकि यहां पर छोटे-छोटे नौनिहाल शिक्षा अध्ययन करने के लिए आते हैं जब वंशजों की सुरक्षा को दृष्टिगत रखते हुए भूसाघर का निर्माण स्थाई गौशाला में ही करवाया जाए! जिससे विद्यालय सरस्वती की देवी का आंगन कहा जाने वाला शिक्षा का मंदिर की शिक्षा का ही मंदिर बना रहे!