ग्राम प्रधान संगठन द्वारा जिलाधिकारी को सम्बोधित ज्ञापन अतिरिक्त एसडीएम को सौपा गया
उरई (जालौन)। ग्राम प्रधान संगठन के लोगों ने आज कलेक्ट्रेट पहुंच कर जिलाधिकारी को सम्बोधित ज्ञापन अतिरिक्त एसडीएम को भेंट करते हुए बताया कि गौवंश के आश्रय स्थलों में रखने की बाध्यता समाप्त की जाये तथा शासनादेश के विपरीत मनरेगा, राज्य वित्त तथा केन्द्रीय वित्त से कराये गये 2023-24 के सम्पूर्ण कार्यों की जांच हेतु निर्गत आदेश को निरस्त किया जाये तथा ग्राम प्रधान संगठन जनपद-जालौन उपर्युक्त विषय के सम्बन्ध में निम्न विवरण के अनुसार समस्या समाधान हेतु आपका ध्यान आकृष्ट कराते हुये अनुरोध करता है कि गौवंश को गौशालाओं में रखने की बाध्यता समाप्त करने विषयक बुन्देलखण्ड क्षेत्र के अंर्तगत स्थित जनपद-जालौन में वर्तमान समय और इस मौसम में भीषण गर्मी पड़ती है, गौवंश के स्वास्थ्य व स्वभाव की दृष्टि से उपयुक्त व्यवस्था के बाबजूद, पीने का पानी गरम हो जाना, टीनशैड पर हरीघास और ग्रीन मैट के बाबजूद उन्हे गौशाला में रखने पर उनकी सेहत पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। अतः ऐसी स्थिति में बृद्ध तथा बीमार गौवंशो के मरने की सम्भावना बढ रही है।इसके साथ ही रवि की फसल की कटाई के उपरान्त 15 अप्रैल से 15 जुलाई तक खेत खाली रहते हैं और इसी दौरान भीषण गर्मी भी पड़ती है। अतः उपरोक्त परिस्थितियों को देखते हुये अनुरोध है कि गौवंश को ग्राम पंचायतों द्वारा संचालित अस्थाई, स्थाई गौवंश आश्रम स्थलों में रखने की बाध्यता को समाप्त करते हुये प्रतिदिन कुछ घंटों के लिये खाली पड़े खेतों में केयर टेकरों द्वारा चराने की अनुमति प्रदान करें, इस हेतु 15 अप्रैल से 15 जुलाई (3 माह की अवधि हेतु) भरण पोषण धनराशि ग्राम पंचायतों को ना दी जाये तथा वर्ष 2023-24 में मनरेगा राज्य वित्त केन्द्रीय वित्त से कराये गये 574 ग्राम पंचायतों की जांच के आदेश को निरस्त करने की मांग उठाई।इस पर प्रमुख रूप से राम कमार राजपूत, गिरेन्द्र सिंह ग्राम प्रधान चिल्ली, देवेन्द्रसिंह ग्राम प्रधान, विष्णुपाल सिंह प्रधान, भानन्द पचोरी सामी प्रधान, सीमा देनी ग्राम प्रधान, सुनीता जमरौहरी प्रधान सहित आदि ग्राम प्रधान मौजूद रहे।