जनपद के बाद अब अपने देश को गौरवान्वित करने दिल्ली पहुंचे पुष्पेंद्र “पुष्प”

प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के संदेश के साथ विश्व हिंदी परिषद का आमंत्रण

उरई(जालौन)। साहित्य के क्षेत्र में जनपद जालौन का हमेशा गौरव पूर्ण इतिहास रहा है जहां पंडित यज्ञदत्त त्रिपाठी व अयोध्या प्रसाद कुमुद जैसे अनेक दिग्गज साहित्यकारों ने जनपद को हमेशा शीर्ष पर रखा है। प्रतीत होता है कि ग्राम नियामत पुर जिला जालौन के मूल निवासी पुष्पेंद्र “पुष्प” भी केवल जनपद का ही नहीं बल्कि अपने देश का नाम भी शीर्ष पर ही रखना चाहते हैं और वे अपनी इसी चाहत को मन में समेटे हुए प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के संदेश के साथ विश्व हिंदी परिषद के बुलावे पर दिल्ली पहुंचे हैं।

जहां एक ओर प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी विभिन्न क्षेत्रों में भारत को वैश्विक सूची में सबसे ऊपर लाने के लिए प्रयासरत हैं वहीं दूसरी ओर नरेंद्र मोदी हिंदी भाषा को भी अंतरराष्ट्रीय भाषा बनाने के प्रयत्नों में भी पीछे नहीं हैं। उनके इन्हीं प्रयत्नों को पंख देते हुए विश्व हिंदी परिषद ने राष्ट्रकवि रामधारी सिंह “दिनकर” की 115वीं जयंती के अवसर पर अंतरराष्ट्रीय हिंदी सम्मेलन नाम से 20 व 21 सितंबर 2023 को एक विशाल आयोजन विज्ञान भवन नई दिल्ली के सभागार में आयोजित किया है। जिसमें कई देशों के ख्याति प्राप्त साहित्यकार,लेखक, व विद्वान भाग ले रहे हैं। वर्तमान में उरई में रह रहे नियामत पुर निवासी प्रख्यात साहित्यकार, लेखक व कवि पुष्पेंद्र ” ” को भी उक्त अंतरराष्ट्रीय समारोह में प्रतिभाग करने के लिए ससम्मान बुलाया गया है। इस बात से पूरे जनपद में हर्ष की लहर दौड़ गई है।

बताते चलें कि पुष्पेंद्र “पुष्प” ने साहित्य के क्षेत्र में “हिंदी गौरव”, “गजल भूषण”, “साहित्य रत्न” व “काव्य शिरोमणि” जैसे अनेक सम्मान अपने नाम किए हैं लेकिन “निराला” सम्मान उनकी सबसे बड़ी उपलब्धि है जो किसी भी साहित्यकार के लिए गौरव की बात होती है। अतः कहा जा सकता है कि उपर्युक्त सम्मानों की श्रंखला ने उन्हें ही नहीं बल्कि जनपद जालौन को भी गौरवान्वित किया है। यदि यह कहा जाए कि पुष्पेंद्र “पुष्प” के साहित्य सृजन के माध्यम से जनपद जालौन की साहित्यिक गर्जना पूरे देश ने महसूस की है तो अति संयोक्ति नहीं होगी।