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जबरन कब्जा करने में विफल रहे माफिया, अब प्रशासन पर लगाने लगे आरोप

जबरन कब्जा करने में विफल रहे माफिया, अब प्रशासन पर लगाने लगे आरोप

की गई चोरी पर पुलिस ने की जांच तो प्रभारी मंत्री के नाम का लेने लगे सहारा

ईंटो (जालौन)- ग्राम ईंटो में जबरन कब्जा करने में विफल रहे माफिया अब प्रशासन पर आरोप लगाने लगे हैं! जो कल तक यह कह रहे थे कि प्रशासन ही उन्हें साथ लाया था, प्रशासनिक अधिकारियों ने जब उनसे यह पूछा कि आपको चोरी करने व जबरन कब्जा करने का आदेश किसने दिया था तो वह बगले झांकने लगे! राजस्व अधिकारियो से शाम 7 बजे तक बैठकर समझौता कराने के लिए आरजू मिन्नत करते रहे! चोरी करने वाले नगदी डीवीआर आदि ले जाने वालो से चौकी थाना पुलिस ने पूछताछ की तो वह बौखला उठे और प्रभारी मंत्री के नाम का सहारा लेने लगे! जब कि 26 तारीख को दबंग माफिया महेश दिनेश गौरव आशुतोष आदि के द्वारा की गई घटना के बाद दिनांक 27 नवंबर को माफियाओं से प्रभावित गयाना देवी केसर देवी रश्मि कुसुम धर्मेंद्र संदीप अतुल दुबे ने प्रभारी मंत्री से मुलाकात कर पूरे घटनाक्रम से अवगत कराया था प्रभारी मंत्री ने तुरन्त जिलाधिकारी को तुरंत मामले का संज्ञान लेने के लिए कहा था और फरियादियों को हर संभव मदद का आश्वासन दिया था! जब अतुल दुबे ने प्रभारी मंत्री व जिलाधिकारी को बताया कि वह पिछले 30 वर्ष से काबिज़ है और रजिस्टर्ड वसीयत प्राप्त है एवं मामला न्यायालय में विचाराधीन है! जिलाधिकारी महोदय ने बताया कि उनके द्वारा उपजिलाधिकारी से कल ही किसी भी कार्यवाही को रोकने का आदेश दे दिया गया है! जो न्यायिक प्रक्रिया होगी वह अपनाई जाएगी! नियमानुसार की गई प्रक्रिया इन माफियाओं को हजम नहीं हुई तो उन्होंने क्षेत्रीय लेखापाल चौकी थाना पुलिस पर आरोप लगाने शुरू कर दिए! जब किए गए निर्माण के बारे में जानकारी व मौके पर स्थिति देखी गई तो पाया गया कि संजय गुप्ता द्वारा सहखातेदार जितेंद्र दुबे से खरीदे गए प्लाट पर एक दीवाल सुरक्षा के लिए बनवाई गई है जितेन्द्र दुबे द्वारा खरीदे गए प्लाट पर संजय कुमार 5 वर्ष से काबिज़ है और उस प्लाट की 3 दीवाल पिलर आदि संजय गुप्ता के द्वारा ही बनवाए गए हैं! जांच में विवादित स्थल पर कोई निर्माण नहीं पाया गया! जब कि चोरी करने के बाद घबड़ाए माफिया अब गलत आरोप लगाने में लगे हैं! खुद के गलत कार्यों को सही ठहराना चाहते हैं इसलिए 5 वर्ष से काबिज़ संजय गुप्ता व उसके बगल से 30 वर्ष से काबिज़ अतुल दुबे पर अनर्गल आरोप लगा रहे हैं! खुद की प्रतिष्ठा बचाने के लिए गलत तथ्यों को पेश कर कीचड़ उछाल रहे हैं! आराजी में निवास कर रहे अन्य लोगों ने बताया कि महेश दिनेश ने दबंगई दिखाने के लिए जानबूझकर विवाद बढ़ाने के लिए इस जगह को खरीदा है! सूत्रों के अनुसार दिनेश महेश अपने ग्राम पृथ्वीपुरा में भी एक ऐसी ही जगह को खरीदकर ऐसा कर चुके हैं! दिनेश महेश अशीष आशुतोष पर पहले से हरिजन एक्ट मारपीट का मामला दर्ज है! एक अन्य मामला गांव के एक व्यक्ति द्वारा भी दर्ज कराया गया था जो ट्रायल पर है! संजय गुप्ता अतुल दुबे पर भादवि 420 दर्ज की गई है जिसमें पुलिस जांच कर रही है प्राप्त जानकारी के अनुसार अतुल दुबे ने जो प्लाट संजय गुप्ता को बेचा है उसका भुगतान नियमानुसार चैक के द्वारा किया गया है! प्रथम दृष्टया मामला पंजीकृत हुआ है जिसकी गहन जांच चल रही है! परंतु अतुल दुबे द्वारा किए गए बैनामा को अभी तक किसी भी न्यायालय द्वारा अवैध घोषित नहीं किया गया है! नियमानुसार यदि दिनेश देवेंद्र को उसी प्लाट को खरीदना ही था तो पहले अतुल दुबे द्वारा किया गया बैनामा निरस्त कराना चाहिए था! अधिवक्ता विकास सिंह ने बताया कि हिन्दू माइनरटी एंड गार्जियन शिप एक्ट 1956 में स्पष्ट है कि प्राकृतिक अभिभावक भी किसी नाबालिग की रजिस्टर्ड वसीयत से प्राप्त जमीन को बिना मा कोर्ट परमीशन नहीं बेच सकता! विदित हो कि वर्तमान कब्जा धारक अतुल दुबे को रजिस्टर्ड वसीयत प्राप्त हुई थी उसकी जमीन को बिना कोर्ट परमीशन नाबालिग उम्र में हरिमोहन मिश्रा ने धोखे से खरीद लिया था! अतुल दुबे ने जिलाधिकारी को दिए गए प्रार्थना पत्र व शपथ पत्र में प्लाट विक्रय करने काबिज होने व शेष आराजी पर काबिज़ होना बताया है!

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