जब जब संकट आया है ,किसानों ने परचम लहराया हैं
किसान
किसानों की इस दुर्दशा पर कोइ नहीं हुँकारता हे
ईश्वर माधव शिव तेरा ही है सहायता
किसान आज दर दर ठोकरें खाता रहता है
इस संकट पर साथ न उसका कोइ देता है
इस मुद्दे पर संसद भी मौन हुआ करती हैं
कभी सुखे कभी ओला पर केवल लालच देती हैं
दिल्ली से चलता पैसा रास्ते में रह जाता हैं
सौ दो सौ पाँच सौ तक ही यहा पहुंच पाता है
कैसी हालात कर रखी है मेरे इस भगवान की
कोइ न साथी कोइ सहारा इस कलयुग के राम की
इनके लिए न कभी ज्योतिष न भविष्यवाणी है
न ही इनके लिए कभी कोइ यज्ञ न आराती हैं
इस सब पर भी यह निरन्तर बढते रहते है
हर संकट मे भी हार नहीं माने है
सब मिलकर यह आराधना करे
मेरे धरती के अराध्य की कैसी हालात कर रखी है
मेरे इस भगवान की ।।
सब के पालन पोषण करने वाला क्यों लाचार हैं
स्वयं न खायें देश खिलाये यही तो भगवान हैं
कन्हैया मिश्र (रजनीश)
गांव ―बसेवरा खैरा
जिला ―मीरजापुर