जीआरपी थाना प्रभारी के कारखास ने बेवजह प्राइवेट कर्मचारी को किया बंद
– फैला रहा अराजकता
चित्रकूट ब्यूरो: पुलिस और प्रशासन के अधिकारी आम आदमी से सद्व्यवहार के चाहे जितने दावे करें पर हकीकत बहुत उलट है। एक मामूली कारखास साधारण व्यक्ति को परेशान कर सकता है और उसे बिना किसी कारण जेल में ठूंस सकता है।
इसका भुक्तभोगी कोई भी हो सकता है। झांसी निवासी संतोष कुमार पुत्र सीताराम महतो के साथ शनिवार को यही हुआ। संतोष ने बताया कि वह रेलवे स्टेशन में बने शौचालयों के संचालन करने वाली एक कंपनी का कमर्चारी है। बताया कि वह शनिवार को चित्रकूट धाम कवीर् रेलवे स्टेशन में शौचालय की अद्यतन स्थिति देखने आया था। बताया कि इसी दौरान शौचालय में अवैध रूप से काम देख रहे युवक ने उसे टोका और परिचय देने के बाद भी अभद्रता की। रेलवे स्टेशन में काम करने का दावा करने वाले एक व्यक्ति ने भी अभद्रता की और उसे जीआरपी चैकी ले गया। बताया कि उस व्यक्ति ने वहां के कारखास पुलिसकमीर् सनी यादव से कुछ बात की और फिर दोनों ने उससे गालीगलौज करने के बाद चैकी में बंद करा दिया। रात भर अकारण बंद रखने के बाद उसका धारा 151 के तहत चालान कर दिया। हिरासत के दौरान उसका मोबाइल भी छीन लिया गया और पुलिसकमीर् ने मारपीट की। खाना-पीना भी नहीं दिया गया। उसने इस संबंध में पुलिस अधीक्षक जीआरपी झांसी को प्राथर्नापत्र देकर मामले की जांच कर न्याय की गुहार की है। इस सम्बंध में जीआरपी चैकी प्रभारी ने बताया कि रेलवे कमीर् द्वारा सूचना दिए जाने के बाद संतोष को चैकी लाया गया था। मारपीट नहीं की गई है।
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