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देश की सियासत के शिखर पुरुष अटल बिहारी वाजपेयी को सामाजिक संगठन अटल जन शक्ति संगठन ने जन्म जयंती पर किया याद

देश की सियासत के शिखर पुरुष अटल बिहारी वाजपेयी को सामाजिक संगठन अटल जन शक्ति संगठन ने जन्म जयंती पर किया याद

अटलमय हुआ अटल जन शक्ति संगठन का मुख्यकार्यालय

जगम्मनपुर (जालौन) – सियासत के शिखर पुरुष दिवंगत प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती पर अटल जन शक्ति संगठन के जिला से लेकर प्रमुख मुख्यालयों में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रमों के माध्यम से सामाजिक संगठन के पदाधिकारियों व सदस्यों ने उन्हें याद करते हुए श्रद्धांजलि दी।

अटल जन शक्ति संगठन के राष्ट्रीय मुख्य कार्यालय जगम्मनपुर में संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष व संस्थापक अमन नारायण अवस्थी जी उपस्थिती में अटल जी जयंती व पंडित मदन मोहन मालवीय जी जयंती पर समारोह कर आयोजन किया

संगठन के पदाधिकारियों द्वारा पूर्व प्रधानमंत्री अटल जी की तस्वीर पर बारी-बारी से माल्यार्पण करते हुए श्रद्धांजलि दी गई।

इसके बाद संगठन के पदाधिकारियों ने मदन मोहन मालवीयजी की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया,
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमन नारायण अवस्थी जी ने कहा कि देश की राजनीति में अटल जी का नाम स्वर्ण अक्षरों में दर्ज है। अटल जी ने अपने कार्यकाल में देश की उन्नति के लिए काफी कार्य किया था। आज उन्हीं के पदचिन्हों पर हमारे देशवासियों को चलना चाहिए, मुझ से पूछा जाता है, मेरे जीवन का आदर्श कौन है. भारत रत्न पण्डित अटल बिहारी वाजपेयी जी हैं मेरे आदर्श. पण्डित जी श्री राम के सिद्धांत पर चलते थे,

‘न भीतो मरणादस्मि केवलं दूषितो यश:’ मैं मृत्यु से नहीं केवल अपयश से डरता हूँ. शायद इसीलिए, ‘राम’ की तरह ‘अटल’ का यश भी निष्कलंक है
उन्होंने कैसे पत्रकारिता के क्षेत्र से राजनीति मे कदम रखा देश के मदन मोहन मालवीय जी और अटल जी ने क्या क्या त्याग किया उसकी जानकारी दी व उनके कुछ कहे शब्दो के साथ अपनी बात समाप्त की

मौत की उमर क्या है? दो पल भी नहीं,
ज़िन्दगी सिलसिला, आज कल की नहीं।

मैं जी भर जिया, मैं मन से मरूँ,
लौटकर आऊँगा, कूच से क्यों डरूँ

छोटे मन से कोई बड़ा नहीं होता,
टूटे मन से कोई खड़ा नहीं होता’

‘गरीबी बहुआयामी है यह हमारी कमाई के अलावा, स्वास्थ्य राजनीतिक भागीदारी, और हमारी संस्कृति और सामाजिक संगठन की उन्नति पर भी असर डालती है.”

”अगर भारत धर्मनिरपेक्ष नहीं है, तो भारत बिल्कुल भारत नहीं है.”

”होने, ना होने का क्रम, इसी तरह चलता रहेगा. हम हैं, हम रहेंगे, ये भ्रम भी सदा पलता रहेगा.”

”मैं हमेशा से ही वादे लेकर नहीं आया, इरादे लेकर आया हूं.”

‘क्यों मैं क्षण-क्षण में जियुं? कण-कण में बिखरे सौंदर्य को पियूं?”

संगठन के बुंदेलखंड प्रभारी अंजनी कुमार सोनी ने अटल जी को लेकर सभी को बताया कि अटल जी जैसे व्यक्तित्व होना असम्भव है वो युग पुरुष थे उनको मैं अपना आदर्श मानता हूं जिला कार्यालय सचिव ऋषभ सेंगर ने भी अपनी बात कही अटल जी के साथ एक युग समाप्त हो गया अन्य उनके बारे मे बातें प्रमुखता के साथ रखी संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमन नारायण अवस्थी जी के साथ संगठन के राष्ट्रीय सचिव योगेन्द्र नारायण त्रिपाठी,मुख्य कार्यालय सचिव प्रशांत ठाकुर, बुंदेलखंड प्रभारी अंजनी कुमार सोनी,विस्तारक राजेंद्र यादव ,जिला उपाध्यक्ष योगेश पाण्डेय, जिला मीडिया प्रभारी सौरभ कुमार,जिलासचिव घनश्याम सेंगर, ,जिला कार्यालय सचिव ऋषभ सेंगर,जिला कार्यकरणी सदस्य करन लक्ष्यकार, जिला विस्तारक सुमित निषाद, जिला कार्यकारिणी सदस्य शिवम सेंगर, अर्जुन सेंगर,शीलू प्रजापति,आदि संगठन के सदस्य मौजूद रहे

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