मण्डलायुक्त ने जिला प्रशासन एवं नगरीय निकायों को किया सक्रिय‘ 

उरई ( जालौन)  बुन्देलखण्ड के पयर्टन एवं संस्कृति को बुलन्द करने की मुहिम। मण्डल के हर जिले में पयर्टन अधिकारी की नियुक्ति करने हेतु शासन को प्रस्ताव भेजने का निर्देश। वैकल्पिक रूप से मण्डल के सभी जिलाधिकारी जालौन को निर्देश दिये कि अपर जिलाधिकारी स्तर के अधिकारी को जिला पयर्टन एवं संस्कृति अधिकारी के रूप में तैनात करें।
कलेक्टेªट में पयर्टन एवं संस्कृति पटल की स्थापना के निर्देश।
जनपद जालौन की सभी नगर पालिका परिषद/नगर पंचायतों में कला, संस्कृति एवं पयर्टन के संरक्षण हेतु बजट का प्राविधान अनिवार्य रूप से कराये जाने का निर्देश। बजट में कलाकारों को प्रोत्साहन हेतु धनराशि मुहैया कराने के निर्देश। कला, संस्कृति एवं पयर्टन की कायर्योजना तैयार कर 15 दिन में प्रस्तुत करने के निर्देश। श्री रामस्वरूप लोक कलाकार, जालौन ने बुन्देली लोक नृत्यों व लोक गीतों के पारम्परिक विधाओं की प्रस्तुतियां करने की सराहना की।
सुश्री मंजुलता वर्मा ने यह कहा कि लोक संगीत को सोये हुये कलाकारों को सस्वर जगाने वाले मण्डलायुक्त बधाई के पात्र हैं। मण्डलायुक्त, डाॅ0 अजय शंकर पाण्डेय ने बुन्देलखण्ड में कला, संस्कृति एवं पयर्टन को सम्बर्द्धन करने के लिए निरन्तर प्रयत्नशील हैं। उन्होंने 08 समितियों का गठन कर उनके माध्यम से बुन्देलखण्ड में संस्कृति और पयर्टन को जोड़कर कई अभिनव प्रयोग शुरू किये हैं। इसे और गति प्रदान करना तथा निणार्यक स्थिति पर ले जाने के लिए मण्डलायुक्त, डाॅ0 अजय शंकर पाण्डेय ने महत्वपूणर् पहल करते हुये निम्न समीक्षा की:-1- बुन्देलखण्ड में विशेषकर झाॅसी मण्डल में पयर्टन एवं संस्कृति की अपार संभावनायें मौजूद हैं परन्तु इसके सापेक्ष पयर्टन एवं संस्कृति विभाग सक्रिय नहीं है। क्षेत्रीय पयर्टन अधिकारी का कायार्लय यहां होने के बावजूद उनके पास कई मण्डलों का चाजर् है, जिससे उनके द्वारा समय नहीं दिया जाता रहा है। इस हेतु मण्डलायुक्त ने प्रमुख सचिव, पयर्टन एवं संस्कृति उ0प्र0 शासन, लखनऊ को पत्र लिखकर पूणर्कालिक क्षेत्रीय पयर्टन अधिकारी की तैनाती का अनुरोध किया है। 2- मण्डल के सभी जिलों में पयर्टन एवं संस्कृति के सम्बर्द्धन की अपार संभावनाएं हैं। परन्तु उसके सापेक्ष विभागीय पयर्टन एवं संस्कृति विभाग की कोई आधारभूत संरचना जिले में नहीं है। मण्डलायुक्त, डाॅ0 अजय शंकर पाण्डेय ने सभी जनपदों में कला एवं संस्कृति विभाग के अधिकारियों की तैनाती कर उनका कायार्लय जिले में खोले जाने का अनुरोध शासन से किया है। 3- जब तक शासन स्तर से जिले में पयर्टन अधिकारियों की तैनाती नहीं हो जाती है, तब तक मण्डलायुक्त, डाॅ0 अजय शंकर पाण्डेय ने सभी जिलाधिकारियों को यह निदेर्श दिये हैं कि वे अपर जिलाधिकारी स्तर के अधिकारी को जिला पयर्टन एवं संस्कृति अधिकारी के रूप में तैनात कर दें साथ ही कलेक्टेªट में कला-संस्कृति एवं पयर्टन का एक पटल भी स्थापित करें और उस पर विधिवत् कमर्चारियों की तैनाती भी करें। 4- मण्डल में कला-संस्कृति एवं पयर्टन के सम्बर्द्धन की निम्न समितियां:-1  बुन्देलखण्ड सांस्कृतिक समिति 2 बुन्देलखण्ड साहित्य उन्नयन समिति 3 बुन्देलखण्ड पयर्टन समिति (4) बुन्देलखण्ड क्षेत्रीय व्यंजन एवं रीति रिवाज समिति
(5)  बुन्देलखण्ड जल संरक्षण समिति (6) बुन्देलखण्ड विशिष्ट कृषि उत्पाद समिति (7) बुन्देलखण्ड हस्तशिल्प एवं उद्योग समिति (8) पल्सर् आॅफ बुन्देलखण्ड समिति जिले स्तर पर भी उपरोक्त प्रकार की समितियां गठित की जायें। समितियांे के गठन की कायर्वाही पूणर् करके एक सप्ताह में मीटिंग करके उसकी रिपोटर् प्रस्तुत करने के निदर्ेश मण्डलायुक्त, डाॅ0 अजय शंकर पाण्डेय ने तीनों जिलाधिकारियों को दिये हैं।
5- मण्डलायुक्त का जो सबसे महत्वपूणर् निणर्य, बुन्देलखण्ड के कला एवं संस्कृति के सम्बर्द्धन के लिए मण्डल की सभी नगर पालिका परिषद, सभी नगर पंचायतों एवं नगर निगम, झाॅसी में कला संस्कृति के सम्बर्द्धन के लिए बजट में एक मद का सृजन कर पयार्प्त बजटीय प्राविधान करने का है। इस सम्बन्ध में सभी अध्यक्ष, नगर पालिका परिषद/नगर पंचायत एवं मेयर, नगर निगम, झाॅसी, नगर आयुक्त, नगर निगम, झाॅसी, सभी अधिशासी अधिकारियों को पत्र भी जारी किया है। मण्डलायुक्त ने अपने पत्र में यह लिखा है कि ‘‘नगर निगम सहित सभी नगर पालिका परिषदों/नगर पंचायतों के कुछ अनिवायर् कतर्व्य होते हैं, जिसका उल्लेख एक्ट में है परन्तु उन्होंने उनका ध्यानाकषर्ण उ0प्र0 नगर निगम अधिनियम, 1959 की धारा-115 की ओर किया है, जिसमें नगर निगम को स्वविवेकानुसार ;कपेबतमजपवदंतलद्ध कतर्व्य भी उल्लिखित हैं। उक्त अधिनियम की धारा-115 के उपबन्ध-6 में यह प्राविधानित है कि ‘‘संगीत तथा अन्य ललित कलाओं ;पिदम ंतजेद्ध को प्रोत्साहन देना तथा सावर्जनिक स्थानों और सावर्जनिक समागम स्थलों ;चनइसपब तमेवतजेद्ध पर संगीत की व्यवस्था करना।’’ साथ ही मण्डलायुक्त ने इन सभी को यह परामशर् एवं निदेर्श दिये हैं कि ‘‘वे उ0प्र0 नगर निगम अधिनियम, 1959 की धारा-115 के उपबन्ध-7 में दिये प्राविधानों के अनुसार सांस्कृतिक संस्थाओं को अनुदान देने का प्राविधान बजट में करें।’’ मण्डलायुक्त डाॅ0 अजय शंकर पाण्डेय ने यह भी निदेर्श दिये हैं कि आगामी 15 दिनों में समस्त नगरीय/ग्रामीण निकायों में बैठक आयोजित कर तत्सम्बन्धी प्राविधानों के अनुसार बजट की व्यवस्था करने और कायर्योजना को अंतिम रूप देने का कायर् करें। 6- मण्डलायुक्त के निदेर्शानुसार जनपद जालौन में तद्नुसार कायर्वाही शुरू हो गयी है तथा बुन्देलखण्ड में कला एवं संस्कृति को एक नयी ऊंचाई और संस्थागत रूप प्राप्त हो जायेगा।

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