मंजिल सामने है, हिम्मत जुटाओ तो सही ,
काँरवा चलेगा एक दिन, राह बनाओ तो सही ।

पुरुषार्थ गिरने में नहीं, गिर कर उठने में है ,
गिरोगे कई बार, कदम बढ़ाओ तो सही ।

कब तक किस्मत को कोसोगे, इस जीवन में,
बदलेगा वक़्त,करम की लेखनी चलाओ तो सही

हालात के मारे सभी है इस जमाने में,
बदलते हैं हालात, कभी मुस्कराओ तो सही ।

पत्थर भी बोल पड़ेगा तुम्हारी फरियाद पर,
आत्मा की गहराई से, आवाज़ लगाओ तो सही ।

नदियों – पहाड़ों पर रस्ते बने हैं इस जहाँ में,
फौलाद की तरह ,बाजुओं को बनाओ तो सही ।

नामुमकिन को मुमकिन कर दिखाया इंसानों ने,
तुम भी कुछ कर जाओगे, मन से ठानों तो सही ।

जात-पात,मजहब की नफ़रत फैली है ज़माने में,
सच्चा इंसा मिलेंगे ,प्रेम की अलख जलाओ तो सही

उमेश कुमार सिंह(अध्यापक)
जवाहर नवोदय विद्यालय, सोनभद्र