लखनऊ:- बीटीसी,बीएड प्रशिक्षुओं का जीवन इस समय एक संघर्ष की कहानी बयां करता है नौकरी तो नहीं लेकिन बेरोजगारी का ठप्पा जरूर लग गया है। पिछले डेढ़ साल से प्राइमरी में नई शिक्षक भर्ती न आने की वजह से बेरोजगारी प्रशिक्षुओं के जीवन में हावी होने लगी है,जिससे प्रशिक्षुओं का जीवन अन्धकारमय होता प्रतीत हो रहा है।

शिक्षक भर्ती के इंतजार में आंखे पथरा गयी लेकिन नई शिक्षक भर्ती का कहीं दूर दूर तक पता नहीं है। प्रशिक्षु आत्महत्या करने पर विवश है। वही युवा बेरोजगार मंच के संस्थापक बंटी पाण्डेय ने बताया कि प्रतियोगी छात्र ट्विटर अभियान,सोशल मीडिया के माध्यम से अपनी बात मुख्यमंत्री तक पहुचाना चाह रहे हैं, लेकिन बेरोजगार छात्रों के दर्द को कोई सुनने वाला दिखाई नहीं दे रहा है।

वही युवा बेरोजगार मंच के प्रदेश अध्यक्ष अभिषेक पाठक ने बताया कि इस समय रोजगार को भी वोट बैंक की राजनीति के नजरिये से देखा जा रहा है। सरकार भर्ती के नाम पर प्रशिक्षुओं को केवल गुमराह कर रही है। अभी तक पुरानी सपा सरकार की भर्ती 68500 एवं 69000 के रुप में पूरा किया गया है, क्योंकि शिक्षामित्रों का समायोजन निरस्त के बाद पुरानी खाली सीट पर सुपरटेट की परीक्षा आयोजित करके नियुक्ति दी जा चुकी है।

अब इस योगी आदित्यनाथ जी की सरकार को नयी भर्ती देनी है जो इनके सरकार की खुद की नई शिक्षक भर्ती होगी अब उसमें आखिर विलम्ब क्यों किया जा रहा है। बंटी पाण्डेय जी ने बताया कि प्रदेश में पांच लाख से ऊपर प्रतियोगी छात्र टेट सीटेट पास करके नई शिक्षक भर्ती का इंतजार कर रहे हैं। लोगों को डर बना हुआ है कि सरकार भर्ती को चुनाव में फसाना चाहती है क्योंकि बीच में पंचायत चुनाव एवं जिला पंचायत का चुनाव फिर उसके बाद विधानसभा चुनाव भी है।आखिर जब सरकार के पास समय नही बचेगा तो भर्ती कब करेगी। सरकार को जल्द से जल्द प्राइमरी में नई शिक्षक भर्ती का विज्ञापन जारी करना चाहिए।

उत्तर प्रदेश में प्राथमिक विद्यालयों में 1.8 करोड़ विद्यार्थियों का एडमिशन हुआ है,प्रदेश में 2 लाख 17 हजार पद खाली है बच्चों को कौन पढायेगा। पिछले डेढ़ साल से कोई नयी शिक्षक भर्ती नहीं आयी है इसलिए प्रशिक्षुओं की मांग है एवं युवा बेरोजगार मंच की सरकार से यह मांग है कि जल्द से जल्द 97 हजार पदों पर प्राथमिक में शिक्षक भर्ती का विज्ञापन अति शीघ्र सरकार जारी करे। जिससे युवाओं को रोजगार का मौका मिल सके।