लॉकडाउन की अवधि बढ़ाने के बारे में अंतिम फैसले के पहले पीएम कल शनिवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ मुलाकात करेंगे. सूत्रों ने बताया है कि लॉकडाउन बढ़ाया जा सकता है लेकिन इस बार इसे लेकर कई बदलाव भी लागू किए जाएंगे. जरूरी सेवाओं को छोड़कर इंटरस्टेट मूवमेंट प्रतिबंधित रहेगा. स्कूल, कॉलेज और धार्मिक संस्थानों को भी बंद रखा जाएगा.नई दिल्ली: Coronavirus Outbreak: कोरोनावायरस और उससे उपजी बीमारी COVID-19 के चलते देशभर में लागू लॉकडाउन मंगलवार (14 अप्रैल) को खत्म होगा या नहीं, इस बारे में अपने फैसले का ऐलान करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक बार फिर राष्ट्र को संबोधित कर सकते हैं. इस फैसले से पहले वह शनिवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस के ज़रिये सभी मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक करेंगे.सूत्रों ने बताया है कि लॉकडाउन बढ़ाया जा सकता है लेकिन इस बार इसे लेकर कई बदलाव भी लागू किए जाएंगे. जरूरी सेवाओं को छोड़कर इंटरस्टेट मूवमेंट प्रतिबंधित रहेगा. स्कूल, कॉलेज और धार्मिक संस्थानों को भी बंद रखा जाएगा.
सूत्रों ने बताया कि लंबे लॉकडाउसन के कारण आर्थिक मंदी के चलते कुछ खास सेक्टरों को सोशल डिस्टेंसिंग के मानदंडों का पालन करते हुए रियायत दी जा सकती है. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया यानी आरबीआई ने अपनी मौद्रिक नीति रिपोर्ट में कोरोनावायरस के फैलाव के कारण देश की इकोनॉमी में सुस्ती आई है. उड्डयन क्षेत्र इस मामले में सबसे ज्यादा प्रभावित है. सूत्रों ने बताया कि सभी क्लासेस में बीच की सीट खाली रखने के नियम के साथ एयरलाइंस से उड़ान शुरू करने की इजाजत दी जा सकती है.
गौरतलब है कि बुधवार को आल पार्टी मीट में पीएम मोदी ने कहा था कि मौजूदा परिस्थितियों में लॉकडाउन को हटाना अभी संभव नहीं है. ऑल पार्टी मीट में जिन नेताओं ने भाग लिया था उनके अनुसार, पीएम ने कहा था कि सरकार की प्राथमिकता अभी हर शख्स के जीवन की सुरक्षा करता है. देश में स्थिति इस समय सोशल इमरजेंसी की तरह है. उन्होंने कहा था कि कोविड-19 के बाद जिंदगी पहले जैसी नहीं रह जाएगी और लोगों को व्यवहारगत, सामजिक और व्यक्तिगत व्यवहार में बदलावों को अमल में लाना होगा.
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