लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल के 146वी जन्मशताब्दी के अवसर पर उनके प्रतिमा पर माल्यार्पण किया गया ।

सरदार वल्लभ भाई पटेल की जन्म शताब्दी जयंती को राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में देश में मनाया जा रहा- डीएम

 


चित्रकूट – जिलाधिकारी शुभ्रान्त कुमार शुक्ल ने आज कलेक्ट्रेट सभागार में लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल के 146वी जन्मशताब्दी के अवसर पर उनके प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। एवं राष्ट्रीय एकता दिवस की शपथ भी दिलाई गई। इस अवसर पर उप जिलाधिकारी कर्वी पूजा यादव भी प्रतिमा पर माल्यार्पण किए तत्पश्चात जिलाधिकारी ने सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती पर सभी को बधाई दी उन्होंने बताया कि सरदार वल्लभ भाई पटेल की जन्म शताब्दी जयंती को राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में देश में मनाया जा रहा है। देश के पहले उप प्रधानमंत्री एवं पहले गृह मंत्री के रूप में रूप में सुशोभित किया। सरदार वल्लभभाई पटेल का जन्म 31 अक्टूबर 1975 में हुआ था उन्होंने लगभग 600 देसी रियासतों का जिस बुद्धिमत्ता और दृष्टि से भारत में विलय कराया वह बड़ी विशाल है। उन्होंने कहा कि एक भारत की आधारशिला रखी। उन्होंने बताया कि स्वतंत्रता के लिए देश की संघर्ष में अग्रणी भूमिका निभाई और एक एकीकृत स्वतंत्र राष्ट्र में अपने एकीकरण का मार्गदर्शन किया। भारत और अन्य जगहों पर इन्हें अक्सर हिंदी उर्दू और फारसी में सरदार कहा जाता था। जिसका अर्थ है *प्रमुख* । उन्होंने बताया कि भारत की राजनीति एकीकरण में महत्वपूर्ण भूमिका थी। उन्होंने कहा कि उनकी सोच एक ऐसी सेवा प्रदान करें जिसे सब का लाभ हो। भारत को एक बनाकर रखें जिससे यह बिखराव न हो।उन्होंने कहा कि एकता की व्यवस्था उन्होंने दिया आज हम बहुत आगे बढ़ गए हैं। इसको तोड़ने के लिए काफी प्रयास किए गए लेकिन ऐसा नहीं हो सका। सीमाओं को मजबूत करने के लिए विश्व में लोहा मनवाया। सनातन धर्म की संस्कृति को भी समाहित किए इसी भावना को हम सबको रखनी चाहिए। सरकारी सेवाओं में इसके अनुरूप कार्य करते रहना चाहिए जो हमारे समाज के नीचले तबके तक हैं वह अपने बच्चों के समान समझें अपनी तरह से सोचे, भावनाएं विकसित करें, जो किसी भी प्रकार का भेदभाव न हो। इसका समाधान भेदभाव नहीं करना है इसी अखंडता को आगे बढ़ाना है जिनका जो हक है उन्हें वह मिले। उन्होंने कहा कि गंगा, यमुना, मंदाकिनी यह एक पवित्र स्थल है पर्यावरण का भी हमें ध्यान देना चाहिए दूषित नहीं होने पाये और सबके कल्याण की भावना होनी चाहिए। यही सरदार बल्लभ भाई पटेल की पटेल जी की भावना थी। उन्होंने कहा कि गुजरात में विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा सरदार बल्लभ भाई पटेल की लगी है जो विश्व के लोग देखेंगे इससे पर्यटन में विकास होगा उन्होंने कहा कि देश में विभिन्न भाषा, बोलियां, रिवाज है यही हमारा अखंडता की पहचान है। और यही सरदार बल्लभ भाई पटेल एक सुनहरे भारत की रूपरेखा प्रस्तुत की।
इसके पूर्व जिलाधिकारी ने पटेल चौराहे पर सरदार वल्लभभाई की प्रतिमा पर माल्यार्पण की इस अवसर पर उप जिलाधिकारी कर्वी पूजा यादव, जिला विद्यालय निरीक्षक बलिराज राम आदि उपस्थित थे इस अवसर पर संचालन का कार्य मनोज मिश्रा ने किया।
इस अवसर पर उपजिलाधिकारी कर्वी पूजा यादव, उप जिलाधिकारी आकांक्षा सिंह आदि संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।