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विकास के लिए संघर्षरत ग्राम पंचायत मल्लाहनपुरा

विकास के लिए संघर्षरत ग्राम पंचायत मल्लाहनपुरा

उरई(जालौन) सरकार की अनेक लोक कल्याणकारी योजनाओं के बावजूद चार मजरों की ग्राम पंचायत रामपुरा देहात (मल्लाहनपुरा) अपने अंदर विकास की छटपटाहट लिए अनेक प्रकार के संघर्षों का सामना कर रही है।
विकासखंड रामपुरा की ग्राम पंचायत रामपुरा देहात चार मजरों (मल्लाहनपुरा ,नगरा भीखमपुर महूटा) वाली लगभग ढाई हजार जनसंख्या वाली पंचायत है। विकासखंड मुख्यालय के सर्वाधिक समीप होने के बावजूद इस गांव की अनेक ऐसी समस्याएं हैं जो जिम्मेदार लोगों की कार्य कुशलता एवं नेकनियति पर सवाल खड़ा करती है। हालांकि ग्राम प्रधान ओमप्रकाश एवं ग्राम पंचायत सचिव अभिनव पाठक युवा जोश से ओतप्रोत होकर गांव के विकास के लिए प्रयासरत हैं लेकिन ग्रामीणों में जागरूकता की कमी एवं किसी सक्षम जनप्रतिनिधि की कृपा का अभाव ग्राम पंचायत रामपुरा देहात के विकास की गति अड़चल है।
*ग्राम पंचायत द्वारा कराए गए विकास कार्य*
ग्राम पंचायत के चारों मजरों (मल्लाहनपुरा नगरा भीखमपुरा महूटा) की संयुक्त आबादी लगभग 2500 होने से ग्राम निधि एवं अन्य स्रोतों से प्राप्त धन ऊंट के मुंह में जीरा जैसा है इसके बावजूद ग्राम प्रधान ओमप्रकाश ग्राम पंचायत सचिव अभिनव पाठक ने मनरेगा एवं ग्राम निधि से चारों मजरों में थोड़ा-थोड़ा करके लगभग 20 लाख की लागत से करीब 250 मीटर इंटरलॉक एवं लगभग तीन सौ मीटर सीसी सड़क का निर्माण करवा कर गांव की सर्वाधिक खराब गलियों एवं रास्तों को ठीक कराने का काम किया है। ग्राम महूटा में लगभग ढाई लाख की लागत से करीब 400 स्क्वायर मीटर क्षेत्र में अमृत सरोवर का निर्माण करवा कर ग्रामीण को शाम सुबह बैठने का एक बेहतरीन स्थान दिया है। ग्राम पंचायत अंतर्गत प्राचीन जलस्रोत चार कुओं का जीर्णोद्धार करवाकर उनके ऊपर लोहे का जाल डलवा कर किसी अनहोनी की संभावना की इतिश्री की गई है। ग्राम महूटा में ही जहां एक गली में घरों का गंदा पानी नाले के मानिंद बहता था जिसमें विद्यालय जाने वाले बच्चों को कीचड़ में प्रवेश करके जाना पड़ता था उसमें 120 मीटर इंटरलॉक बिछवा कर रास्ता निर्मित करवाया गया एवं जल निकासी के लिए नाले का निर्माण भी कराया गया है l
*प्रकाश व्यवस्था दुरुस्त*
गांव की प्रत्येक गली को प्रकाशित रखने की दिशा में प्रत्येक चौराहे पर अथवा गली के मुहाने पर 20 स्ट्रीट लाइट , प्रत्येक विद्युत पोल पर बल्ब , ग्यारह नॉर्मल साइज की सोलर लाइटें व दो बड़ी सोलर लाइटों सहित मत्स्य विभाग द्वारा चार हाई पावर मास्ट लाइट लगवा कर पूरे गांव को जगमग किया गया है।

ग्राम पंचायत अल्प संसाधनों के द्वारा विकास के लिए भले ही कुछ प्रयास किए गए हैं लेकिन यहां की समस्याएं बहुत बड़ी है जिससे ग्रामीणों को लगातार जूझना पड़ रहा है।
*दस लाख रुपया खर्च के बाद गौशाला संचालित नहीं*
ग्राम पंचायत में सरकार का लगभग 10 लाख रुपया अस्थाई गौशाला निर्माण में खर्च हो चुका है लेकिन लगातार निर्माणाधीन रहने के कारण अभी तक गौशाला संचालित नहीं हो सकी है जिसके कारण ग्रामीण अपनी फसलों की रक्षा के लिए रात-रात भर जागकर रखवाली करने को मजबूर है।
*मजदूरी पर निर्भर पूरा गांव*
ग्रामीणों के अनुसार इस गांव में पहले चारपाई भरने वाली डाब एवं मूंज की रस्सी बनाने का काम उद्योग के रूप में होता था लेकिन चारपाई का विकल्प बैड ने ले लिया एवं चारपाई अथवा पलंग को भरने की रस्सी के अन्य विकल्प से डाब और मूंज की रस्सी की उपयोगिता कम हुई है तथा श्रम के अनुरूप मूल्य न मिल पाने के कारण पूर्वजों से विरासत में मिला यह काम अब लगभग समाप्त हो गया है।
अतः अधिकांश लोग मजदूरी पर निर्भर है। गांव पंचायत में वर्तमान में 413 जॉब कार्ड है जिसमें 323 जॉब कार्ड एक्टिव है। मनरेगा मजदूर अनुज, उम्मेद, राजाबाबू ने बताया कि कई मजदूरों की मजदूरी का पैसा खाते में ना आने से उन्हें आर्थिक परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
*खेल का मैदान नहीं*
गांव में खेल का मैदान ना होने से बच्चे गांव के विद्यालय के छोटे से मैदान में खेल कर किसी तरह अपना मन पूरा कर लेते हैं जिससे युवाओं की खेलकूंद प्रतिभा व स्वास्थ्य प्रभावित हो रहा है, जबकि गांव सभा के पास परती की ढेर सारी जमीन खाली पडी है जिस पर खेल का मैदान तैयार किया जा सकता है।
*जरूरतमंदों को आवास नहीं*
सरकार की आवास नीति के अनुरूप प्रत्येक परिवार को छत मिलना आवश्यक है लेकिन अधिकारियों के कारण जरूरतमंद गरीवों को आवास नहीं मिल पा रहे है। छोटी बहू पत्नी रामराज, कृष्णा देवी पत्नी रणधीर सिंह, अमलवती पत्नी रजपाल जो निहायत गरीब परिवार हैं इनके पास मकान के नाम पर सिर्फ छप्पर हैं इन्होंने बताया कि मेरे पास देने के लिए कुछ नहीं है परिणाम स्वरूप अभी तक गरीब परिवारों को आवास नहीं मिल सके।
*गांव का अस्पताल भवन टाउन एरिया में*
यह सुनकर हास्यास्पद लगता है और विस्मय होता है कि ग्राम मल्लाहनपुरा का आयुष्मान आरोग्य मंदिर अस्पताल गांव में न होकर टाउन एरिया रामपुरा नगर के पुराने अस्पताल परिसर में बना है जहां सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र रामपुरा के स्टाफ के आवास बने है , इसे ग्रामीणों के स्वास्थ्य के साथ मजाक समझा जाए या भ्रष्टतंत्र की कलाकारी माना जाए
*मोक्ष धाम शमशान घाट नही*
ग्रामीणों ने अपनी पीड़ा व्यक्त करते हुए बताया कि चार गांव में किसी मृतक के निधन होने पर उसका अंतिम संस्कार करने हेतु कोई निर्धारित स्थल मोक्ष धाम शमशान घाट नहीं है वर्षा ऋतु में अंतिम संस्कार करना बहुत मुश्किल हो जाता है
*बारात घर नही*
गांव के निवासी अनुज निषाद कहते हैं कि पहले गांव में किसी कन्या का विवाह होने पर बारात ठहरने के लिए विद्यालय अथवा किसी सरकारी भवन का उपयोग कर लिया जाता था लेकिन इस पर प्रतिबंध लगे के बाद सर्वाधिक परेशानी गरीब लोगों को हुई है। जिनकी क्षमता विवाह घर से शादी कर पाना संभव नहीं है अतः गांव में बारात घर या सामुदायिक भवन का निर्माण कराया जाना आवश्यक है
*गंदगी से अटा-पटा तालाब*
ग्राम मल्लाहनपुरा के मध्य लगभग 40 डिसमिल में एक तालाब है जो पानी से लवालव है लेकिन ग्रामीणों की विकृत सोच ने इस जलाशय को कीचड़ एवं कूड़ा घर बना दिया है जिससे तालाब का क्षेत्रफल भी संकुचित होता जा रहा है। ग्रामीणों के अनुसार इस तालाब में इतना पानी है कि अलग-अलग घटनाओं में इसमें डूब कर आधा दर्जन गायें और दो बच्चे मर चुके हैं। इस तालाब का सौंदरीकरण कराया जाना गांव के हित में होगा ।
*सड़कों पर बहता गंदा पानी*
गांव की अनेक गलियां घरों के गंदे पानी से बजबजा रही हैं जिसके कारण ग्रामीणों को परेशानी का सामना करना पड़ता है।

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