विश्व तंबाकू निषेध दिवस (31मई ) पर विशेष
– तंबाकू चबाने से मुंह न खुलने की हुई थी दिक्कत
– इलाज से हुए स्वस्थ, साझा किए कटु अनुभव
चित्रकूट ब्यूरो: शौकिया शुरू किया गया तंबाकू का सेवन बहुत ही कष्टकारी साबित हुआ। इसकी वजह से पूरा मुंह न खुलने की दिक्कत होने लगी थी। बेहतर परामशर् और इलाज से इस लत से मुक्ति मिल गई। अब स्वस्थ होने पर व्यवसाय शुरू कर दिया है। यह कहना है जिला मुख्यालय के पुरानी बाजार निवासी अनुज श्रीवास्तव का।
अनुज पिछले कई साल से गुटखा खा रहे थे। ढाई साल पहले समझ में आया कि उनका मुंह पहले की तरह पूरा नहीं खुल पा रहा है। मसालेदार और तीखे खाद्य पदाथर् खाने से मुंह में छाले पड़ जाते थे। ऐसी स्थिति में नमकीन खाद्य पदाथर् भी खाना मुश्किल हो रहा था। जिला अस्पताल में डॉ नरेंद्र देव पटेल से परामशर् लिया। चिकित्सक ने इसकी वजह तम्बाकू व गुटका का सेवन बताया है। सलाह दिया की तम्बाकू का सेवन छोड़ने और इलाज से यह दिक्कत दूर हो जाएगी साथ ही साथ मुंह खुलने में भी सुधार होगा। अनुज का कहना है कि चिकित्सक की सलाह पर उन्होंने गुटखा छोड़ने का मन बनाकर इलाज शुरू किया। शुरू में गुटखा छोड़ने के बाद बड़ा अजीब लगता था पर जिन्दगी बचाने के लिए जरूरी था। दो साल से अधिक इलाज के बाद स्वस्थ हो गए। मसालेदार खाना भी आराम से खा लेते हैं। मुंह भी पहले की तरह खुलने लगा है। स्वस्थ होने पर बेकरी का बिसनेस प्रारम्भ किया है। आम लोगों को भी सलाह देते है कि तम्बाकू का सेवन न करें, यह बाद में बहुत कष्ट देती है।
जिला अस्पताल में तैनात गला रोग विशेषज्ञ डाॅ विनोद कुमार ने बताया कि रोजाना 10 से 15 मरीज गले में ददर् की शिकायत लेकर आते हैं। इनमे से अधिकांश का जब मुंह खोलवाते हैं, तो वह खुटखा भरे हुए होते हैं। इनमें से एक दो महिलाएं भी होती हैं। जबकि उनकी परेशानी का कारण वही तम्बाकू या उससे बना गुटखा होता है। ऐसे लोगों का इलाज करने के साथ तम्बाकू खाने से होने वाले नुकसान के प्रति जागरूक करते हैं। बताया कि जनवरी 2022 से अब तक लगभग 2000 लोगों का इलाज कर उन्हें तम्बाकू/गुटखा न खाने की सलाह दी गई है।
—–तंबाकू के सेवन से होने वाले खतरे—–
राष्ट्रीय तम्बाकू नियंत्रण कायर्क्रम के नोडल अपर सीएमओ डाॅ इम्तियाज अहमद बताते हैं कि तंबाकू के सेवन से दांत कमजोर होते हैं, समय से पहले गिर भी जाते हैं। आंखों की रोशनी कम होती है। अधिक समय तक इसके सेवन से जीभ का कैंसर, गले का कैंसर, पेट का कैंसर हो सकता है। तंबाकू का अधिक समय तक सेवन से मरीज का मुंह पूरी तरह से नहीं खुल पाता है। तंबाकू के दुष्प्रभाव से मुंह में छाले पड़ना, जीभ का टेस्ट समाप्त होना आम बात है। तम्बाकू सेवन के दुष्प्रभाव के प्रति जागरूकता के लिए समय-समय पर कायर्क्रम कराए जाते हैं। उन्होंने बताया कि 31 मई को सभी सीएचसी, पीएचसी, जिला अस्पताल, सीएमओ कायार्लय और सभी हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर में कायर्क्रम आयोजित कर तम्बाकू से होने वाले दुष्प्रभाव से लोगों को जागरूक किया जाएगा। तम्बाकू व उससे बने उत्पाद का सेवन न करने के लिए शपथ दिलाई जाएगी। नोडल ने बताया कि हर साल 31 मई को विश्व तम्बाकू निषेध दिवस मनाया जाता है। इसको मनाने का उद्देश्य तम्बाकू सेवन से होने वाले खतरों से लोगों को जागरूक करना है। इस बार की थीम टोबैको थ्रीएट टू अवर एनवाॅयरमेंट रखी गई है।
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