शासन के आदेश को ठेंगे पर रखकर धड़ल्ले से चल रहा शिक्षकों की अस्थाई संबद्धता के कारोबार से विद्यालय में पठन-पाठन और संचालन की व्यवस्था हुई धराशाई
उरई(जालौन) शासन के आदेश की अवहेलना कर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी जालौन के संरक्षण में शिक्षकों से सुविधा शुल्क लेकर जनपद में मनचाहे स्कूल में संबद्धता का खेल खूब फल फूल रहा है। गौरतलब है कि शिक्षा का अधिकार अधिनियम को साकार करने के लिए सरकार द्वारा शिक्षकों को अपने मूल विद्यालय से इतर अन्य विद्यालय में संबद्ध नहीं किया जा सकता है। अस्थाई संबद्धता केवल विद्यालय बंद होने की स्थिति में ही एक सत्र के लिए ही ऐसे नजदीकी विद्यालय से की जानी चाहिए जहां पर पर्याप्त शिक्षक कार्यरत हों, जिससे संबद्धता के कारण मूल विद्यालय में बच्चों के पठन पाठन व विद्यालय संचालन में कोई परेशानी न हो। परंतु बीएसए जालौन शासन के आदेश को ठेंगा दिखाकर उल्टी गंगा बहाने का काम कर रहे हैं। शिक्षकों से मोटी रकम लेकर नियम कायदों को ताक पर रखकर शिक्षकों को उनके घर के नजदीक के विद्यालय में अटैच कर दिया गया है।
नगर कालपी में तैनात कुलदीप मिश्रा (स०अ०) का मूल विद्यालय प्राथमिक विद्यालय मिर्जामंडी है। वहीं अब्दुल खालिक (स०अ०) का मूल विद्यालय कंपोजिट विद्यालय मनीगंज है। इन दोनों शिक्षकों से सुविधा शुल्क लेकर नियम विरुद्ध तरीके से उन्हें एक दूसरे के विद्यालय में संबद्ध कर दिया गया है। क्योंकि बदले गए विद्यालय इन दोनो के घर के बगल में व नजदीक हैं। इसी तरह नगर कालपी के अन्य विद्यालयों में शिक्षकों की सबद्धता उनकी सुविधा के हिसाब से की गई।
नदीगांव ब्लॉक के पूर्व माध्यमिक विद्यालय ब्यौना राजा में वर्ष 2015 में अनुदेशक सत्येंद्र की तैनाती हुई थी। तब से लेकर अभी तक 9 वर्ष हो चुके हैं उक्त अनुदेशक अपने मूल विद्यालय में शिक्षण कार्य न करके बीआरसी कनासी में संबद्ध है। बीएसए का चहेता ये अनुदेशक जोड़-तोड़ और वसूली में काफी पारंगत होने के कारण अधिकारियों के साथ इसका चोली दामन का साथ रहता है। कोई भी खंड शिक्षा अधिकारी आ जाए इस अनुदेशक को अपने आवास पर रखकर अपनी खिदमत कराने को मजबूर हो जाता है। गरीब बच्चों की पढ़ाई लिखाई की परवाह विभाग को नहीं है। जिले में इस तरह से कई विद्यालयों में नियम विरुद्ध तरीके से अस्थाई ड्यूटी लगाई गई है। जिनमे से कुछ उदाहरण निम्नवत है।
माधौगढ़ ब्लॉक के कंपोजिट उच्च प्राथमिक विद्यालय असहना में तैनात सहायक अध्यापक सुरेश पाण्डेय की संबद्धता प्राथमिक विद्यालय राहुली के बंद होने के कारण दिनांक 22 सितंबर 2022 को की गई थी। इस विद्यालय में 1 वर्ष पूर्व एक सहायक अध्यापिका की नियुक्ति हो चुकी है। परंतु सुरेश पाण्डेय को आज तक मूल विद्यालय हेतु कार्यमुक्त नहीं किया गया है। विद्यालय में तैनात एक और सहायक अध्यापक अभय कुमार की संबद्धता उच्च प्राथमिक विद्यालय मचकछा में की गई है। जिसके कारण उच्च कंपोजिट उच्च प्राथमिक विद्यालय असहना एकल हो गया है। जिसमें कक्षा 1 से 8 तक की पढ़ाई एक अध्यापक के भरोसे हो रही है वही विद्यालय का पूरा संचालन भी कर रहा है।
रामपुरा ब्लॉक के उच्च प्राथमिक विद्यालय मड़ैया अंगदेला में कार्यरत मान सिंह की संबद्धता 2023 से अब तक प्राथमिक विद्यालय मिर्जापुरा में की गई है जबकि उच्च प्राथमिक विद्यालय मड़ैया अंगदेला में 2 ही अध्यापक पदस्थ हैं। मानसिंह की अन्यत्र संबद्धता होने के कारण उच्च प्राथमिक विद्यालय मड़ैया अंगदेला एकल हो गया है। शिक्षण व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो गई है। जबकि नजदीकी विद्यालय प्राथमिक विद्यालय मड़ैया अंगदेला में 3 शिक्षक कार्यरत हैं वहां से ड्यूटी लगाई जा सकती थी। लेकिन सुविधा शुल्क लेकर दूर के मात्र दो शिक्षक वाले विद्यालय से ड्यूटी लगा दी गई है जो नियम मानकों के बिल्कुल विपरीत है।
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