शौर्य पराक्रम एवं बलिदान के लिए विश्व विख्यात भारतीय आर्मी का विजय दिवस.
उरई(जालौन)अखिल भारतीय पूर्व सैनिक सेवा परिषद के सानिध्य में शहीद स्मारक हद रुक में शहीद स्मारक के संस्थापक सदस्य पूर्व विधायक माननीय संतराम सिंह सेंगर जी की अध्यक्षता में बड़ी धूमधाम से मनाया गया 16 दिसंबर 1971 को शाम 4:30 बजे पूर्वी पाकिस्तान के आर्मी कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल नियाजी ने मात्र 13 दिनों के युद्ध के बाद 93000 पाक सैनिकों के साथ भारतीय आर्मी के समक्ष बिना शर्त आत्मसमर्पण कर दिया था परिणाम स्वरूप बांग्लादेश को जन्म देकर क्षेत्रीय भूगोल को बदल दिया था यह विश्व की सबसे बड़ी जीत में शामिल है सबसे पहले शहीद स्मारक पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया गया इसके बाद विभिन्न युद्ध में शहीद हुए भारत मां के वीर सपूतों को शहीद स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित कर श्रद्धांजलि अर्पित की गई इसके बाद समारोह में उपस्थित बुजुर्ग पूर्व सैनिकों ने अपने-अपने विचार रखे एवं युद्ध के दौरान हुई परेशानियों को विस्तार से वर्णन किया इसके बाद कार्यक्रम में उपस्थित वीर नारियों को साल उड़ा कर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम के अंत में राष्ट्रगान के साथ भारत मां का जयकारा लगाकर कार्यक्रम समाप्त हुआ इसके बाद कार्यक्रम में उपस्थित सभी को चाय नाश्ता दिया गया इस अवसर पर प्रमुख रूप से अखिल भारतीय पूर्व सैनिक सेवा परिषद के अध्यक्ष सूबेदार मेजर आसाराम दोहरे सैनिक बंधु उपाध्यक्ष कप्तान महेंद्र सिंह कैप्टन गंगा राम पाल लेफ्टिनेंट शत्रुघ्न सिंह सेंगर धर्मगुरु सूबेदार अर्जुन सिंह सूबेदार बलरामपाल हवलदार दशरथ सिंह सूबेदार अयोध्या प्रसाद सूबेदार हरदत सिंह भदोरिया कैप्टन गजेंद्र सिंह हवलदार नरेंद्र सिंह हवलदार विजय यादव हवलदार शिवपूजन सिंह नायब सूबेदार शिव सिंह यादव सूबेदार रूप रामपाल सूबेदार रामकेश प्रजापति नायक माता प्रसाद शर्मा सूबेदार विजय बहादुर प्रजापति नायब सूबेदार करुणा शंकर मिश्रा सार्जेंट अशोक पांडे सूबेदार मेजर बाबू सिंह हवलदार राम अवतार तिवारी हवलदार अजगर सिंह नायाब सूबेदार सुखनंदन सिंह सूबेदार राम सिंह सहित लगभग एक सैकड़ा पूर्व सैनिक एवं ग्रामीण बंधु उपस्थित थे!!