समाज के वर्गों को विधिक सेवाएं देने के लिए हुआ का विधिक सेवा प्राधिकरण का गठन
– पूर्णकालिक सचिव ने विधिक जागरूकता शिविर लगाकर दी जानकारी
चित्रकूट ब्यूरो: जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के बैनर तले गुरुवार को सदर ब्लाक के बनाड़ी में विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। इसमें 12 माचर् को होने जा रही राष्ट्रीय लोक अदालत के संबंध में जानकारी दी गई।
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की पूणर्कालिक सचिव विदुषी मेहा ने बताया कि विधिक सेवा प्राधिकरणों का गठन समाज के कमजोर वर्गों को मुफ्त विधिक सेवाएं देने के लिए हुआ है। लोक अदालत का आयोजन न्यायिक प्रणाली समान अवसर के आधार पर सबके लिए न्याय सुगम बनाने के लिए किया जाता है। उन्होंने बताया कि लोक अदालत कानूनी विवादों का सुलह की भावना से न्यायालय से बाहर समाधान करने का वैकल्पिक माध्यम है। लोक अदालत सरल एवम् अनौपचारिक प्रक्रिया को अपनाती है तथा विवादों का अविलंब निपटारा करती है। इसमें पक्षकारों को कोई शुल्क भी नहीं लगता है। लोक अदालत से न्यायालय में लंबित मामले का निष्पादन होने पर पहले से भुगतान किए गए अदालती शुल्क को भी वापस कर दिया जाता है। लोक अदालत का आदेश फैसला अंतिम होता है, जिसके खिलाफ अपील नहीं की जा सकती। लोक अदालत से मामले के निपटारे के बाद दोनों पक्ष विजेता रहते हैं तथा उनमे निणर्य से पूणर् संतुष्टि की भावना रहती है। इसमें कोई भी पक्ष जीतता या हारता नहीं है। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण ने जन-जन के दर तक न्याय की इस तीव्रतर प्रणाली को पहुंचाया है और अदालतों का बोझ बड़े पैमाने पर घटाया है। शिविर में रोशन सिंह, केवट सिंह, पंकज कुमार आदि मौजूद रहे। उधर, 12 माचर् को होने वाली राष्ट्रीय लोक अदालत के संबंध में गुरुवार को नोडल अधिकारी लोक अदालत सतीश चंद्र द्विवेदी की अध्यक्षता में बैठक की गई। इसमें अधिशासी अधिकारी एवं श्रम प्रवतर्न अधिकारी चित्रकूट उपस्थित रहे। नोडल अधिकारी ने लोक अदालत के प्रचार प्रसार के लिए ईओ को निदेर्शित किया।
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