उम्र के साथ बढ़ता है कोरोना से मौत का खतरा, 80 पार वाले 7.8 फीसद लोगों के लिए ज्यादा घातक

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लंदन। कोरोना संक्रमण के कारण होने वाली मौत के आंकड़ों पर नया अध्ययन सामने आया है। लैंसेट इन्फेक्शियस डिजीज जर्नल में प्रकाशित इस अध्ययन के मुताबिक अलग-अलग उम्र के हिसाब से कोरोना के कारण होने वाली मौत का आंकड़ा बदलता जाता है।

यह खतरा 0.0016 प्रतिशत से लेकर 7.8 प्रतिशत तक हो सकता है। स्थिति गंभीर होने और अस्पताल में भर्ती होने के मामले भी इसी हिसाब से बदलते हैं। 10 साल से कम उम्र में खतरा सबसे कम और 80 साल से ज्यादा की उम्र में सबसे ज्यादा होता है।

इससे पहले के अध्ययनों में कोरोना के कारण होने वाली कुल मौतों का आंकड़ा 0.2 फीसद से 1.6 फीसद के बीच रहने का अनुमान लगाया गया है। 80 साल या इससे ज्यादा उम्र के लोगों में यह आशंका आठ से 36 फीसद तक आंकी गई थी।

हालांकि इन अध्ययनों में इस बात का ध्यान नहीं रखा गया कि ज्यादातर देशों में जांच आमतौर पर उन्हीं लोगों की हो पाती है, जिनके लक्षण ज्यादा गंभीर होते हैं या जिन्हें क्वारंटाइन किया गया है। इंपीरियल कॉलेज लंदन के शोधकर्ताओं ने बताया कि इन आंकड़ों से सही तस्वीर सामने नहीं आ पाती है। ताजा अध्ययन में चीन के 70 हजार से ज्यादा मामलों का विश्लेषण किया गया है।