Homeबुन्देलखण्ड दस्तकचंदेल युगीन स्थापत्य शिल्प की धरोहर है जरवा माफी का मण्डप

चंदेल युगीन स्थापत्य शिल्प की धरोहर है जरवा माफी का मण्डप

चंदेल युगीन स्थापत्य शिल्प की धरोहर है जरवा माफी का मण्डप

मानिकपुर, चित्रकूट: मानिकपुर के क्षेत्र के जरवा माफी गांव में स्थित चंदेल कालीन मण्डप प्राचीन भारतीय स्थापत्य शिल्प का उत्तम उदाहरण है। विन्ध्य पवर्तमाला के तलहटी में जंगल के पास एक प्राचीन तालाब के दक्षिणी किनारे में अवस्थित है।
यह प्राचीन मंदिर स्थानीय जनमानस में मण्डप के नाम से जाना जाता है। मंदिर का द्वार पूवर् की ओर है और मुख्य द्वार से अंदर प्रवेश करने पर चारों तरफ एक बरामदा है। आंगन में एक विशाल मण्डप है और उसी मंडप में एक गभर्गृह है। वतर्मान में गभर्गृह से मूल शिवलिंग और प्राचीन मूतिर्यां गायब हैं। अलेक्जेंडर कनिंघम महोदय ने अपने प्रतिवेदन में यहां तमाम प्राचीन चंदेल युगीन मूतिर्यों का विवरण प्रस्तुत किया है। झालावाड़ राजस्थान के इतिहासकार डा प्रणवदेव ने अपने ग्रंथ बुंदेलखंड का भौगोलिक इतिहास में लिखते हैं कि जरवा का मंदिर और मूतिर्यां इतिहास व पुरातत्त्व की दृष्टि से बड़े महत्त्व की हैं। अपने ग्रंथ में लिखते हैं कि यहां चालीस मूतिर्यां मौजूद थीं। इससे यह मालुम होता है कि यह मंदिर तत्कालीन समय में बहुत भव्य और सुंदर रहा होगा। वतर्मान में प्रत्यक्ष अवलोकन के आधार पर छेछरिहा बुजुगर् निवासी शोधकतार् व शिक्षक डॉ संग्राम सिंह ने बताया कि देखरेख के अभाव व ग्रामीणांचल के जंगली इलाके में स्थित होने के कारण मंदिर की समुचित देखरेख नहीं हो पा रही है। रंगाई पुताई, मरम्मत के अभाव में यह मंदिर विनष्ट हो रहा है। पुरातत्त्व विभाग द्वारा संरक्षण व संवदर््धन की महती आवश्यकता है। इस मंदिर के गभर्गृह में हनुमान की मूतिर्, प्राचीन मूतिर्यां और बरामदे में कुछ खंडित मूतिर्यां रखी है। बहुत मूतिर्यां यहां से गायब हो गई हैं। इस गांव की एक सौ बीघा से अधिक भूमि को बालाजी मंदिर के भोग के लिए माफी के रुप में दान दी गई थी। तभी इस जरवा गांव के नाम के साथ जरवा माफी जुड़ गया। डा सिंह ने बताया कि मंदिर के पास बने तालाब का निमार्ण नक्काशी युक्त पत्थरों से कराया गया था।यह तालाब काफी बड़े क्षेत्र में विस्तृत है। आज भी तालाब में जल है। जंगली इलाके में जल स्रोत का अच्छा उदाहरण है। शासन प्रशासन से मांग है कि मंदिर तक सुगम मागर् और पयर्टन की दृष्टि से विकसित करने की महती आवश्यकता है। शोध यात्रा में स्वरुपरानी मेडिकल कालेज प्रयागराज के डाॅ बद्री विशाल, महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय के अतिथि प्रवक्ता डा यशवंत सिंह, एके एस विवि के डॉ भगवानदीन व अवनीश कुमार मौजूद रहे।
———————

#बुन्देलखण्ड_दस्तक #आन्या_एक्सप्रेस
#चित्रकूट #जालौन   #ताजा_खबरें #न्यूज_उपडेट #उरई #झांसी #कानपुर #महोबा #हमीरपुर #डैली_उपडेट #ताजा_खबर #bundelkhandnews #bundelkhanddastak #बुंदेलखंडदस्तक
#जिलाधिकारीजालौन #जिलाअधिकारीचित्रकूट
#dmjalaun #dmchitrkut

RELATED ARTICLES
- Advertisment -

Most Popular