Homeचित्रकूट ( बुन्देलखण्ड)जालौन ज़िले की नई जिलाधिकारी बनी प्रियंका निरंजन

जालौन ज़िले की नई जिलाधिकारी बनी प्रियंका निरंजन

जालौन ज़िले की नई जिलाधिकारी बनी प्रियंका निरंजन

जालौन जिले की डीएम बनी प्रियंका निरंजन गरौठा झांसी की निवासी है

ऐतिहासिक कार्यों के साथ काफी सराहनीय रहा डॉ मन्नान अख्तर का कार्यकाल

 

उरई ,जालौन। आने वाले पंचायत चुनावों और बोर्ड परीक्षा से पहले उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने रातों रात सात जिलों में ज़िलाधिकारियों की फेरबदल करते हुए कई अधिकारियों के तबादले किए। जिसमें जालौन, हापुड़, भदोही, संभल, अंबेडकरनगर, बलिया व ज़िला एटा शामिल हैं, विशेष सचिव प्रियंका निरंजन को डीएम जालौन, स्थानिक आयुक्त नई दिल्ली विभा चहल को एटा का डीएम, गोरखपुर विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष अनुज सिंह को डीएम हापुड़, विशेष सचिव माध्यमिक शिक्षा आर्यका अखौरी को डीएम भदोही, गीडा में सीईओ संजीव रंजन को डीएम संभल, परियोजना प्रशासक ग्रेटर शारदा सहायक सैमुअल पाल को डीएम अंबेडकरनगर, हापुड़ की डीएम अदिति सिंह को डीएम बलिया बनाया गया है।
ज्ञात हो कि 3 साल 5 माह 2 दिन का कार्यकाल पूरा करने वाले जालौन डीएम डॉ मन्नान अख्तर ने जनपद जालौन जिला अधिकारी पद पर सबसे ज्यादा दिनों तक रहने का रिकॉर्ड बनाया साथ में अपने कार्यकाल में कई ऐतिहासिक कार्य भी किए। जिसमें कुछ बच्चों को एक ख़ास प्रोजेक्ट “नन्हा कलाम” के तहत चुना और उनको आगे पढ़ने के लिए स्कॉलरशिप भी दी जिसे काफी सराहा गया। जिलाधिकारी की इस कार्य ने काफी सुर्खियां बटोरी उनकी इस सोच से यह प्रतीत हुआ कि देश में अब प्राथमिक शिक्षा में बदलाव की ज़रूरत है। जैसा कि हर किसी को पता है कि जनपद जालौन के जिला अधिकारी रहे मन्नान अख्तर डॉक्टर भी थे उन्होंने अपने डॉ होने का भी इस्तेमाल अपने प्रशासनिक कामों में किया, और ज़िले में स्वास्थ्य विभाग के क्षेत्र में सुस्त पड़े RBSK को भी तेजी से काम पर लगाया, जिस मॉडल को न सिर्फ ज़िले में बल्कि पूरे उ.प्र. में लागू भी किया गया। सबसे बड़ा व सराहनीय कार्य जो लगता था कभी नहीं हो सकेगा वह करके दिखाएं हाइवे का फ्लाई ओवर, जिसमें काफ़ी विवाद भी था। बिना किसी भी बात के इतनी सालों से बंद पड़े काम को शुरू करवाया और कार्य पूरा भी हुआ। जनपद जालौन के लिए डॉ मन्नान अख्तर ने अपने कार्यकाल में काफ़ी सराहनीय कार्य किया जो हमेशा याद किए जाएंगे।
जनपद जालौन की नई जिलाधिकारी बनी प्रियंका निरंजन 2013 बैच की आईएएस झांसी जनपद के गरौठा तहसील की रहने वाली है। जिस तरह आरोप लगते रहते हैं कि सरकारी व्यवस्थाएं हर जगह की ध्वस्त रहती है। सरकारी अस्पताल में इलाज तक नहीं मिलता ऐसे ही मामलों में जनपद जालौन की जिलाधिकारी बनी वाली प्रियंका निरंजन ने सुर्खियां बटोरी थी। आईएएस अफसर प्रियंका निरंजन खतौली तहसील की ज्वाइंट मजिस्ट्रेट थी। और इन दिनों मैटरनिटी लीव पर थी। उनके पति मनीष सिंह आईपीएस अफसर हैं। उनकी तैनाती गुजरात में थी। जिला महिला अस्पताल में प्रियंका निरंजन को प्रसव पीड़ा के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां उन्होंने ऑपरेशन के बाद बेटी को जन्म दिया। जच्चा-बच्चा दोनों स्वस्थ रहे। उनकी इस सोच ने सरकारी व्यवस्थाओं में जान सी डाल दी थी। जिसके बाद उन्होंने काफी सुर्खियां पूरे प्रदेश भर में बटोरी थी। बताते चलें कि प्रियंका निरंजन ने 2012 में आईएएस टॉप किया था। उनकी 20वीं रैंक थी। प्रियंका निरंजन ने उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में 1 अक्टूबर 1984 को जन्म लिया था। उनके पिता पीडब्ल्यूडी में कॉन्ट्रक्टर है और उनकी माता हाउसवाइफ है। प्रियंका निरंजन के 2 बहन और एक छोटा भाई है। एक बहन ने बी.टेक किया व दूसरी बहन ने एमएससी की हुई है। प्रियंका निरंजन की प्रारंभिक शिक्षा जनपद जालौन व झांसी से हुई। उन्होंने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से स्नातक की डिग्री की और वही से ही अर्थशास्त्र से मास्टर और आर्ट की डिग्री भी हासिल की है। प्रियंका निरंजन ने सिविल परीक्षा की तैयारी 2008 से शुरू की थी। वो अपने छ्ठे attemp में सिविल परीक्षा को पास कर साल 2013 बैच की आईएएस अफसर बन गयी। आईएएस प्रियंका निरंजन की ट्रेनिंग 26 नवम्बर 2015 तक मंसूरी में हुई। बुंदेलखंड की निवासी प्रियंका निरंजन देखना होगा जनपद जालौन के लिए कितना काफी सराहनीय कार्य कर के दिखाती हैं। क्योंकि बुंदेलखंड में कई समस्याएं प्रमुखता से उठती हैं, और उन्हें वह समस्याएं भली-भांति मालूमात होंगी।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -

Most Popular