त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के आरक्षण सूची पर सर्वाधिक आपत्ति प्रधानी के लिए

वाराणसी। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को लेकर जारी आरक्षण सूची की जांच शुरू हो गई है। जैसा कि अंदेशा लगाया जा रहा है कि 10 फीसदी सीटों केलिए आरक्षण चार्ट में बदलाव हो सकता है। इसकी जिम्मेदारी एडीओ पंचायत को दी गई है। बता दें कि पंचायतों से सर्वाधिक 1702 शिकायतें सिर्फ ग्राम प्रधान के आरक्षण को लेकर है।

शिकायतकतार्ओं का आरोप है कि आरक्षण सूची जारी करते समय शासनादेश के क्रम में पिछले 25 वर्ष के जारी आरक्षण से मिलान किया गया। जबकि वर्ष 2005 का आरक्षण बहुत ही गलत ढंग से बनाया गया था। आबादी को भी उस वक्त ध्यान नहीं दिया गया था।

लिहाजा इस बार पंचायतों का आरक्षण इस प्रकार गड़बड़ हो गया है कि लोगों के बीच माथापच्ची की स्थिति बन गई है। बहुत से क्षेत्र में उक्त वर्ग यानी सामान्य, अनुसूचित जाति आदि की आबादी नहीं है फिर भी सीट को आरक्षित कर दिया गया है। शिकायतों को देखते हुए जांच शुरू हो चुकी है। बताया जा रहा है कि एडीओ पंचायत सत्यापन कर रहे हैं।

गड़बड़ी की बात भी सामने आ रही है। इसलिए चर्चा है कि 10 फीसद सीट के लिए जारी आरक्षण में बदलाव हो सकता है। पंचायतों में भी इसकी चर्चा है। समस्त एडीओ पंचायत को आरक्षण सूची के सत्यापन का निर्देश दिया गया है। विभाग की ओर से बताया गया है कि एडीओ पंचायत आज मंगलवार को रिपोर्ट देंगे। इसी जांच रिपोर्ट के आधार पर आरक्षण में परिवर्तन होने की उम्मीद है।

अगर यह बदलाव हुआ तो एक बार दोबारा हंगामा मचना तय माना जा रहा है। इधर, अब दावा आपत्ति का समय समाप्त हो चुका है। 12 मार्च तक शिकायतों का निस्तारण किया जाना है। 14 या 15 मार्च को फाइनल आरक्षण सूची जारी हो जाएगी। पंचायतों की नजर इस समय डीपीआरओ यानी जिला पंचायत राज अधिकारी कार्यालय पर टिकी हुई है।