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एक योगी 52 सहयोगी, जानें नए मंत्रिमंडल के हर मंत्री के बारे में सबकुछ Yogi Sarkar 2.0:

एक योगी 52 सहयोगी, जानें नए मंत्रिमंडल के हर मंत्री के बारे में सबकुछ Yogi Sarkar 2.0:

उत्तर प्रदेश में इतिहास रचते हुए योगी आदित्यनाथ ने लगातार दूसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली  देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के मुख्यमंत्री के तौर पर एक बार फिर योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath oath) ने शपथ ली. योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश के लगातार दूसरी बार मुख्यमंत्री बने हैं.

शुक्रवार को अटल बिहारी वाजपेई इंटरनेशनल क्रिकेट इकाना स्टेडियम में आयोजित भव्य शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत तमाम दिग्गजों की मौजूदगी में योगी आदित्यनाथ ने पद एवं गोपनीयता की शपथ ली. राज्यपाल आनंदीबेन ने उन्हें शपथ दिलाई. सीएम योगी के अलावा दो डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक ने भी पद एवं गोपनीयता की शपथ ली है. इस बार योगी आदित्यनाथ की टीम में 52 मंत्रियों को शामिल किया गया है. योगी सरकार 2.0 में बीजेपी ने जातिगत समीकरण को साधने की पूरी कोशिश की है।योगी आदित्यनाथ के साथ 52 मंत्री भी शपथ लेंगे। इसमें कुछ पुराने के साथ नए चेहरों को भी मौका दिया
गया है।

उत्तर प्रदेश विधानसभा में प्रचंड बहुमत हासिल करने वाली भारतीय जनता पार्टी के मंत्रियों का शपथ ग्रहण पूरा हो गया है. सीएम योगी आदित्यनाथ 37 साल बाद इतिहास रचकर एक बार फिर यूपी के मुख्यमंत्री बने हैं. योगी के मंत्रिमंडल में हर वर्ग को प्रतिनिधित्व देने की कोशिश की गई है. योगी कैबिनेट में एक मुस्लिम चेहरे को मंत्रीपद मिला है. कुल 52 मंत्रियों ने मंत्री पद की शपथ ली है, जिसमें 18 कैबिनेट, 14 राज्यमंत्री और 20 राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार बनाए गए हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और BJP के अध्यक्ष जेपी नड्डा समेत कई बीजेपी दिग्गजों की मौजूदगी में सीएम योगी का शपथग्रहण सम्पन्न हुआ है. योगी सरकार में सहयोगी दलों के 2 मंत्री बने हैं, वहीं केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक को डिप्टी सीएम की कुर्सी मिली है.

यूपी में इस बार कुल 18 लोग कैबिनेट मंत्री बनाए गए हैं, जिसमें केशव प्रसाद मौर्य, ब्रजेश पाठक, सूर्य प्रताप शाही, सुरेश कुमार खन्ना, स्वतंत्र देव सिंह, बेबी रानी मौर्य, लक्ष्मी नारायण चौधरी, जयवीर सिंह, धर्मपाल सिंह, नंद गोपाल नंदी, भूपेंद्र सिंह चौधरी, अनिल राजभर, जितिन प्रसाद, राकेश सचान, अरविंद कुमार शर्मा, योगेंद्र उपाध्याय, आशीष पटेल और संजय निषाद शामिल हैं.

1. केशव मौर्य

योगी सरकार के पिछले कार्यकाल में उपमुख्यमंत्री रहे केशव प्रसाद मौर्य इस बार सिराथू विधानसभा सीट से चुनाव हार गए थे. उन्हें अपना दल (कमेरावादी) की नेता पल्लवी पटेल ने 7,337 वोटों से हराया था. बीजेपी नेता केशव प्रसाद मौर्य को 98 हजार 941 वोट मिले थे, जबकि पल्लवी पटेल को एक लाख छह हजार 278 वोट मिले थे. ऐसे कयास लगाए जा रहे थे कि इस बार केशव प्रसाद मौर्य को यूपी कैबिनेट में ना शामिल किया जाए. लेकिन ऐसा नहीं हुआ. केशव प्रसाद मौर्य ने डिप्टी सीएम के तौर पर शपथ ली है.

2. ब्रजेश पाठक

ब्रजेश पाठक ने इस बार लखनऊ कैंट सीट से विधानसभा चुनाव जीता था. उन्होंने सपा के सुरेंद्र सिंह गांधी को 39 हजार 512 वोटों के अंतर से हराया था. वह योगी सरकार के पिछले कार्यकाल में कानून मंत्री थे.

बसपा से बीजेपी में आए ब्रजेश पाठक पार्टी में ब्राह्मण चेहरे के तौर पर उभरे. साल 1989 में छात्र राजनीति से शुरुआत करने वाले ब्रजेश पाठक साल 1990 में लखनऊ विश्वविद्यालय के अध्यक्ष रह चुके हैं. उन्होंने भी इस बार डिप्टी सीएम पद की शपथ ली है और पिछली सरकार में उपमुख्यमंत्री रहे दिनेश शर्मा को रिप्लेस किया है.

3. सूर्य प्रताप शाही

योगी सरकार में दूसरी बार कैबिनेट मंत्री बनने वाले सूर्य प्रताप शाही ने पथरदेवा विधानसभा सीट से जीत हासिल की थी. पिछले कार्यकाल में वो कृषि मंत्री थे. वह पहली बार 1985 विधायक बने थे और शुरु से ही भाजपा के कद्दावर नेता रहे हैं.

साल 1997-2002 के बीच वो सरकार में मद्य निषेध और आबकारी मंत्री थे. साल 1991 में वो गृह राज्य मंत्री बने थे, फिर कैबिनेट स्वास्थ्य मंत्री बने थे और साल 2010 में बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष बनाए गए थे.

4. सुरेश कुमार खन्ना

सुरेश खन्ना ने शाहजहांपुर की नगर विधानसभा सीट से लगातार नौंवी बार जीत हासिल की. उन्होंने सपा प्रत्याशी तनवीर खां को लगातार तीसरी बार हराया था. वह पिछले कार्यकाल में संसदीय कार्य एवं वित्त मंत्री थे. खन्ना बीजेपी के दिग्गज और भरोसेमंद नेता हैं.

5. स्वतंत्र देव सिंह

स्वतंत्र देव सिंह को जुलाई, 2019 में उत्तर प्रदेश भाजपा का अध्यक्ष बनाया गया था. उन्होंने इस बारे के यूपी विधानसभा चुनाव में प्रमुख भूमिका निभाई. वो ओबीसी समुदाय से आते हैं. साल 2017 के यूपी विधानसभा चुनाव में भाजपा की जीत के बाद योगी सरकार में स्वतंत्र देव सिंह को परिवहन मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) बनाया गया था.

साल 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान स्वतंत्र देव सिंह को मध्य प्रदेश की जिम्मेदारी दी गई थी.

6. बेबी रानी मौर्य

साल 2022 के विधानसभा चुनाव में बेबी रानी मौर्य ने आगरा ग्रामीण सीट से जीत हासिल की है. वह तीन साल तक उत्तराखंड की राज्यपाल थीं. यूपी चुनाव के मद्देनजर उन्होंने इस्तीफा दे दिया था. वह आगरा की पहली महिला मेयर रही हैं.

7. लक्ष्मी नारायण चौधरी

उत्तर प्रदेश की राजनीति में लक्ष्मी नारायण चौधरी को एक बड़े जाट नेता के रूप में जाना जाता है. पिछली योगी सरकार में वो दुग्ध विकास, पशुधन और मत्स्य पालन विभाग के कैबिनेट मंत्री हैं. लोकदल से अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत करने वाले लक्ष्मी नारायण चौधरी कांग्रेस, बसपा होते हुए बीजेपी में शामिल हुए थे.

8. जयवीर सिंह

जयवीर सिंह ने इस बार मैनपुरी सदर सीट से जीत हासिल की. इससे पहले वो एमएलसी (विधान परिषद सदस्य) बनाए गए थे. वो बसपा सरकार में दो बार कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं. इस बार उन्होंने सपा के राजू यादव को हराया था.

9. धर्मपाल सिंह

धर्मपाल सिंह बरेली की आंवला विधानसभा सीट से चार बार के विधायक हैं. वो राज्य में लोधी समुदाय का एक बड़ा चेहरा हैं. धर्मपाल पहली बार साल 1996 में विधायक बने थे. उन्हें मायावती की सरकार में साल 1997 में लोक निर्माण एवं पर्यटन मंत्री बनाया गया था. इसके बाद की सरकार में वो पंचायती राज और श्रम मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रहे थे. धर्मपाल सिंह पिछली योगी सरकार में सिंचाई मंत्री थे.

10. नंद गोपाल नंदी

नंदी ने इस बार इलाहाबाद दक्षिण सीट से विधानसभा चुनाव जीता है. पिछली सरकार में वो नागरिक उड्यन मंत्री थे. उन्होंने अपनी राजनीति की शुरुआत बसपा से की थी. हालांकि आगे चलकर वो पार्टी से अलग हो गए. बीच में निर्दलीय राजनीति की और थोड़े समय तक कांग्रेस से भी जुड़े रहे. वो साल 2017 में भाजपा में शामिल हुए थे.

11. भूपेंद्र सिंह चौधरी

भूपेंद्र चौधरी योगी सरकार के पिछले कार्यकाल में पंजायती राज मंत्री थे. इस समय वह एमएलसी हैं. चौधरी का मुरादाबाद मण्डल में अच्छा खासा प्रभाव है.

12. अनिल राजभर

वाराणसी जिले की शिवपुर विधानसभा सीट पर अनिल राजभर ने जीत हासिल की है. उन्होंने ओपी राजभर के बेटे अरविंद राजभर को हराया है. ओपी राजभर की निकासी के बाद से अनिल राजभर बीजेपी के पास एक बड़ा राजभर चेहरा हैं. पिछली सरकार में वह पिछड़ा वर्ग एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण मंत्री थे.

13. जितिन प्रसाद

लंबे समय तक कांग्रेस में रहने के बाद जितिन प्रसाद भाजपा में शामिल हुए थे. उन्हें पिछली योगी सरकार में भी कैबिनेट मंत्री बनाया गया था. वह शाहजहांपुर और धौरहरा से सांसद रह चुके हैं. हालांकि साल 2014 और 2019 में वो लोकसभा चुनाव हार गए थे. वहीं साल 2017 में उन्हें तिलहर विधानसभा से हार का सामना करना पड़ा था.

14. राकेश सचान

राकेश सचान भी कांग्रेस से भाजपा में आए थे. उन्होंने अपनी राजनीति की शुरुआत सपा से की थी. वो 1993 और 2002 में घाटमपुर विधानसभा से विधायक रह चुके हैं. सचान को मुलायम सिंह यादव और शिवपाल सिंह यादव का करीबी माना जाता है. बीजेपी ने सचान को कानपुर देहात की भोगनीपुर विधानसभा सीट से उतारा था. उन्होंने सपा के नरेंद्र पाल सिंह को 12,080 वोटों से हराया था.

15. अरविंद कुमार शर्मा

अरविंद शर्मा एमएलसी हैं. वो गुजरात काडर के 1988 बैच के आईएएस अधिकारी हैं. शर्मा को मोदी का करीबी माना जाता है. यूपी सरकार में शामिल होने के लिए उन्होंने वीआरएस लिया था, जो काफी चर्चा में भी रहा था. अपने कार्यकाल के आखिरी समय में वो केंद्र में एमएसएमई का काम देख रहे थे.

शर्मा मऊ के रहने वाले हैं और इलाहाबाद विश्वविद्यालय से पढ़ाई की है.

16. योगेंद्र उपाध्याय

योगेंद्र उपाध्याय आगरा दक्षिण से लगातार तीसरी बार विधायक चुने गए हैं. इससे पहले वो साल 2012 और 2017 में भी विधायक थे. साल 2022 के चुनाव में उन्होंने सपा के विनय अग्रवाल को 56,622 वोटों से हराया था.

योगी सरकार के पिछले कार्यकाल में योगेंद्र उपाध्याय को विधानसभा में बीजेपी विधायकों को चीफ व्हिप नियुक्त किया गया था. उपाध्याय राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़े रहे हैं.

17. आशीष पटेल

आशीष पटेल अपना दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं. वो केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल के पति हैं और इस समय यूपी से एमएलसी हैं.

आशीष पटेल ने सिर्फ आठ वर्षों में इजीनियरिंग की नौकरी से लेकर कैबिनेट मंत्री बनने तक का सफर तय किया है. साल 2022 के चुनाव में अपना दल (एस) ने 17 सीटों पर चुनाव लड़ा था, जिसमें से 12 सीटों पर चुनाव जीतकर पार्टी बसपा और कांग्रेस से आगे है.

18. संजय निषाद

संजय निषाद, निषाद पार्टी के प्रमुख हैं. साल 2022 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने निषाद पार्टी को गठबंधन के तहत 15 सीटें दी थीं, जिनमें 11 सीटों पर उन्हें जीत मिली है. इन 11 में कुल पांच सीटों पर निषाद पार्टी के नेता भाजपा के सिंबल पर चुनाव लड़े थे, जिनमें डॉ. संजय निषाद के छोटे बेटे सरवन निषाद भी शामिल हैं.

          मंत्री स्वतंत्र प्रभार

नितिन अग्रवाल राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार
कपिल देव अग्रवाल राज मंत्री स्वतंत्र प्रभार
रविंद्र जयसवाल राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार
संदीप सिंह राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार
गुलाब देवी राज मंत्री स्वतंत्र प्रभार
चंद यादव राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार
धर्मवीर प्रजापति राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार
असीम अरुण राज मंत्री स्वतंत्र प्रभार
जेपीएस राठौर राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार
दयाशंकर सिंह राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार
नरेंद्र कश्यप राज मंत्री स्वतंत्र प्रभार
दिनेश प्रताप सिंह राज मंत्री स्वतंत्र प्रभार
अरुण सक्सेना राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार
दयाशंकर मिश्रा दयालु राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार

         राज्य मंत्री

मनकेश्वर सिंह राज्य मंत्री
दिनेश खटीक राज्य मंत्री
संजीव गौड़ राज्य मंत्री
बलदेव सिंह ओलक राज्य मंत्री
अजीत पाल राज्य मंत्री
जसवंत सैनी राज्य मंत्री
रामकेश निषाद राज्य मंत्री
मनोहर लाल मन्नू कोरी राज्य मंत्री
संजय गंगवार राज्यमंत्री
बृजेश सिंह राज्य मंत्री
केपी मलिक राज्य मंत्री
सुरेश राही राज्य मंत्री
सोमेंद्र तोमर राज्य मंत्री
अनूप प्रधान बाल्मीकि राज्यमंत्री
प्रतिभा शुक्ला राज्य मंत्री
राकेश राठौर गुरु राज्यमंत्री
रजनी तिवारी राज्य मंत्री
सतीश शर्मा राज्य मंत्री
दानिश आजाद अंसारी राज्य मंत्री
विजय विजय लक्ष्मी गौतम राज्य मंत्री

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