मेरे प्रवासी कामगार/श्रमिक बहनों-भाइयों, सृष्टि की सभी आपदाएं आपके धैर्य के समक्ष नतमस्तक हुई हैं। आज पुनः कोरोना वायरस की हार आपके धैर्य पर निर्भर है।

आप सभी से अपील है कि कतई विकल व व्यथित मत होइए। जहां हैं, वहीं रहिए। अति शीघ्र, आप सभी की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित की जाएगी।