सावधान! देश में नए तरीके से हो रहा साइबर फ्रॉड, बचने का है ये तरीका

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देश की साइबर सुरक्षा एजेंसी ने इंटरनेट उपयोगकर्ताओं को एक ‘फर्जी’ ई-मेल स्कैम को लेकर सावधान किया है जिसमें उपयोगकर्ता का निजी वीडियो रिकॉर्ड करने का दावा किया जाता है और जबरन वसूली की राशि क्रिप्टो करेंसी (Crytpo Currency) में नहीं जमा करने पर उसे जारी करने की धमकी दी जाती है. कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पोंस टीम (CERT-In) ने अपने एक नवीनतम परामर्श में कहा है कि वैसे तो ऐसे ई-मेल से डरने की कोई जरूरत नहीं है लेकिन यूजर्स को अपने सोशल मीडिया या किसी अन्य ऑनलाइन प्लेटफार्म में कोई छेड़छाड़ नजर आता है तो वे अपना पासवर्ड बदल लेना चाहिए.

इसमें कहा गया है, ई-मेल जबरन-वसूली अभियान में धोखाधड़ी करने वालों ने यह कहते हुए लोगों को कई ई-मेल भेजे हैं कि उनका कंप्यूटर हैक हो गया है और वेबकैम की मदद से एक वीडियो बना लिया गया है और उन्हें उनका पासवर्ड पता चल गया है.

फर्जी ई-मेल से डरने की जरूर नहीं                                                                                          इसमें कहा गया है, ई-मेल जबरन-वसूली अभियान में धोखाधड़ी करने वालों ने यह कहते हुए लोगों को कई ई-मेल भेजे हैं कि उनका कंप्यूटर हैक हो गया है और वेबकैम की मदद से एक वीडियो बना लिया गया है और उन्हें उनका पासवर्ड पता चल गया है. CERT-In ने कहा कि ये ई-मेल फर्जी है और डरने की कोई बात नहीं है. सीईआरटी-इन साइबर हमले का मुकाबला करने और भारतीय साइबर स्पेस की रक्षा के लिए राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी इकाई है.

ऐसे करते हैं धोखाधड़ी
एजेंसी ने अपने परामर्श में एक ऐसे ही ‘जबरन वसूली’ ई-मेल का जिक्र किया है. पहले धोखाधड़ी करने वाला मेल भेजकर पुराना पासवर्ड लिखता है और उसका ध्यान आकृष्ट करने का प्रयास करता है. फिर वह उपयेागकर्ता को यह यकीन दिलाने के लिए कंप्यूटर शब्दजाल की कहानी गढ़ता है कि वह कुशल हैकर है. फिर यह बताया जाता है कि हैकर ने अश्लील वेबसाइट पर एक मालवेयर डाल दिया है और जब उपयोगकर्ता उस वीडियो को देख रहा है तब उसके वेबकैम और डिस्प्ले स्क्रीन को हैक कर लिया गया है और मैसेंजर, फेसबुक और ईमेल से सारे संपर्कों में छेड़छाड़ किया गया है.

परामर्श के अनुसार जबरन वसूली मांगने से पहले यह आखिरी कदम हो सकता है. धोखाधड़ी करने वाला फिर बिटक्वाइन (क्रिप्टोकरेंसी) में जबरन वसूली की मांग करता है.