दैनिक राशिफल 4 सितम्बर 2020

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🐚🐚 दैनिक पँचांग 🐚🐚

आचार्य पंडित पुष्पेंद्र कुमार द्विवेदी
ज्योतिष कर्मकांड एवं वास्तु विशेषज्ञ
संपर्क सूत्र 9260981854
7800868289

🌞 ~ *आज का हिन्दू पंचांग* ~ 🌞
⛅ *दिनांक 04 सितम्बर 2020*
⛅ *दिन – शुक्रवार*
⛅ *विक्रम संवत – 2077 (गुजरात – 2076)*
⛅ *शक संवत – 1942*
⛅ *अयन – दक्षिणायन*
⛅ *ऋतु – शरद*
⛅ *मास – अश्विन (गुजरात एवं महाराष्ट्र अनुसार – भाद्रपद*
⛅ *पक्ष – कृष्ण*
⛅ *तिथि – द्वितीया दोपहर 02:23 तक तत्पश्चात तृतीया*
⛅ *नक्षत्र – उत्तर भाद्रपद रात्रि 11:28 तक तत्पश्चात रेवती*
⛅ *योग – शूल दोपहर 01:54 तक तत्पश्चात गण्ड*
⛅ *राहुकाल – सुबह 10:53 से दोपहर 12:26 तक*
⛅ *सूर्योदय – 06:24*
⛅ *सूर्यास्त – 18:50*
⛅ *दिशाशूल – पश्चिम दिशा में*
⛅ *व्रत पर्व विवरण –
💥 *विशेष – द्वितीया को बृहती (छोटा बैंगन या कटेहरी) खाना निषिद्ध है।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
💥 *श्राद्ध और व्रत के दिन ब्रह्मचर्य पालन करें तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)*
🌞 *~ हिन्दू पंचांग ~* 🌞

🌷 *विघ्नों और मुसीबते दूर करने के लिए* 🌷
👉 *05 सितम्बर, शनिवार को संकष्ट चतुर्थी (चन्द्रोदय रात्रि 08:59)*
🙏🏻 *शिव पुराण में आता हैं कि हर महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी ( पूनम के बाद की ) के दिन सुबह में गणपतिजी का पूजन करें और रात को चन्द्रमा में गणपतिजी की भावना करके अर्घ्य दें और ये मंत्र बोलें :*
🌷 *ॐ गं गणपते नमः ।*
🌷 *ॐ सोमाय नमः ।*
🌞 *~ हिन्दू पंचांग ~* 🌞

‪🌷 *चतुर्थी‬ तिथि विशेष* 🌷
🙏🏻 *चतुर्थी तिथि के स्वामी ‪भगवान गणेश‬जी हैं।*
📆 *हिन्दू कैलेण्डर में प्रत्येक मास में दो चतुर्थी होती हैं।*
🙏🏻 *पूर्णिमा के बाद आने वाली कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को संकष्ट चतुर्थी कहते हैं।अमावस्या के बाद आने वाली शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी कहते हैं।*
🙏🏻 *शिवपुराण के अनुसार “महागणपतेः पूजा चतुर्थ्यां कृष्णपक्षके। पक्षपापक्षयकरी पक्षभोगफलप्रदा ॥*
➡ *“ अर्थात प्रत्येक मास के कृष्णपक्ष की चतुर्थी तिथि को की हुई महागणपति की पूजा एक पक्ष के पापों का नाश करनेवाली और एक पक्षतक उत्तम भोगरूपी फल देनेवाली होती है ।*
🌞 *~ हिन्दू पंचांग ~* 🌞

🌷 *कोई कष्ट हो तो* 🌷
🙏🏻 *हमारे जीवन में बहुत समस्याएँ आती रहती हैं, मिटती नहीं हैं ।, कभी कोई कष्ट, कभी कोई समस्या | ऐसे लोग शिवपुराण में बताया हुआ एक प्रयोग कर सकते हैं कि, कृष्ण पक्ष की चतुर्थी (मतलब पुर्णिमा के बाद की चतुर्थी ) आती है | उस दिन सुबह छः मंत्र बोलते हुये गणपतिजी को प्रणाम करें कि हमारे घर में ये बार-बार कष्ट और समस्याएं आ रही हैं वो नष्ट हों |*
👉🏻 *छः मंत्र इस प्रकार हैं –*
🌷 *ॐ सुमुखाय नम: : सुंदर मुख वाले; हमारे मुख पर भी सच्ची भक्ति प्रदान सुंदरता रहे ।*
🌷 *ॐ दुर्मुखाय नम: : मतलब भक्त को जब कोई आसुरी प्रवृत्ति वाला सताता है तो… भैरव देख दुष्ट घबराये ।*
🌷 *ॐ मोदाय नम: : मुदित रहने वाले, प्रसन्न रहने वाले । उनका सुमिरन करने वाले भी प्रसन्न हो जायें ।*
🌷 *ॐ प्रमोदाय नम: : प्रमोदाय; दूसरों को भी आनंदित करते हैं । भक्त भी प्रमोदी होता है और अभक्त प्रमादी होता है, आलसी । आलसी आदमी को लक्ष्मी छोड़ कर चली जाती है । और जो प्रमादी न हो, लक्ष्मी स्थायी होती है ।*
🌷 *ॐ अविघ्नाय नम:*
🌷 *ॐ विघ्नकरत्र्येय नम:*
🙏🏻 *-🌺🙏🏻पंचक

31 अगस्त मध्यरात्रि बाद 3.48 से 5 सितंबर मध्यरात्रि बाद 2.22 बजे तक

28 सितंबर 09:41 सुबह से 3 अक्तूबर 08:51 सुबह तक

एकादशी

इन्दिरा एकादशी – 13 सितंबर 2020

पद्मिनी एकादशी – 27 सितंबर 2020

परम एकादशी – 13 अक्टूबर 2020

पापांकुशा एकादशी – 27 अक्टूबर 2020

प्रदोष

रविवार, 30 अगस्त प्रदोष व्रत (शुक्ल)

15 सितंबर ( मंगलवार ) भौम प्रदोष व्रत ( कृष्ण )

29 सितंबर ( मंगलवार ) भौम प्रदोष व्रत ( शुक्ल )

14 अक्‍टूबर ( बुधवार ) प्रदोष व्रत ( कृष्ण )

28 अक्‍टूबर ( बुधवार ) प्रदोष व्रत ( शुक्ल

अमावस्या
गुरुवार, 17 सितंबर अश्विन अमावस्या
शुक्रवार, 16 अक्टूबर आश्विन अमावस्या (अधिक)

पूर्णिमा

बुधवार, 02 सितंबर भाद्रपद पूर्णिमा व्रत
गुरुवार, 01 अक्टूबर आश्विन पूर्णिमा व्रत (अधिक)
शनिवार, 31 अक्टूबर अश्विन पूर्णिमा व्रत

4 सितंबर- द्वितीया,
5 सितंबर- तृतीया,
6 सितंबर- चतुर्थी
, 7 सितंबर- पंचमी, महा भरणी,
8 सितंबर- षष्ठी,
9 सितंबर- सप्तमी,
10 सितंबर- अष्टमी,
11 सितंबर- नवमी,
12 सितंबर- दशमी,
13 सितंबर– एकादशी-द्वादशी,
14 सितंबर- त्रयोदशी,
15 सितंबर चतुर्दशी, मघा श्राद्ध,
16 सितंबर- सर्वपित्र अमावस्या,
17 सितंबर- मातमाह श्राद्ध