शुद्ध अन्न से बनती है व्यक्ति के जीवन की डोर

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शुद्ध अन्न से बनती है व्यक्ति के जीवन की डोर

नौनेर (मैनपुरी ),,, ग्राम नौनेर में गमा देवी मन्दिर पर चल रही श्री मदभागवत कथा के द्वितीय दिवस में नेमिसरायण तीर्थ से पधारे आचार्य परशुराम द्विवेदी जी ने अपनी मधुर वाणी से भक्तो के मन को मोह लिया पूज्य आचार्य श्री ने कथा की मुख्य बिन्दुओ पर चर्चा करते हुए बताया की एक घड़ी आधी घड़ी आधी में पुनि आध तुलसी संगत साधु की हरई कोटि अपराध ब्यक्ति यदि सुन्दर नीति अपनाकर थोड़ा समय निकाल कर भगवान के भजन में अपने मन को लगा लेता है तो उस ब्यक्ति के जीवन की नैया भी पार हो जाती है मनुष्य के जीवन में शुद्ध भोजन का बहुत बड़ा प्रभाव पड़ता है कहा भी गया है की जैसा खाओगे अन्न वैसा वनेगा मन जैसा पिओगे पानी वैसी बनेगी वाणी इस लिए हमें अपने खाना पान पर शुद्धता को लेकर बहुत ज्यादा ध्यान देने की जरुरत ब्यक्ति का शुद्ध आचरण ही उसके जीवन की प्रतिक्रिया को दर्शाता है
इस पावन अवसर पर यजमान की भूमिका में
रविंद्र सिंह   उनके सहयोग मे रामवीर सिंह आलोक यादव
राजीव  हिमांशु आचार्य शैलेन्द्र सहित सभी ग्राम वासी हिस्सा ले रहे है

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