पंचनद पर नदियों के तांडव में नरमी, कहर बरपा कर ठहर गई जलधारा

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फसल नष्ट होने से पशु चारा की चिंता में दुखी ग्रामीण
जिलाधिकारी,पुलिस अधीक्षक ने नदिया पार का किया भ्रमण

रामपुरा जगम्मनपुर, जालौन। पंचनद की नदियों के रौद्र रूप में आई बाढ़ से तटवर्ती इलाका तवाह हो गया लेकिन चंबल व सिन्ध नदी के तेज बहाव में आंशिक ठहराव से तटवर्ती ग्रामीण इलाके के बाशिंदों ने राहत की सांस ली है वही खरीफ की फसल नष्ट होने से पशुओं के चारा की चिंता में किसान दुखी हैं ।

जनपद जालौन के माधौगढ़ तहसील में पंचनद की पांच नदियों में चंबल एवं सिंध नदी में आई विनाशकारी बाढ़ ने जो तांडव मचाया उसे तटवर्ती ग्रामीण क्षेत्र पूरी तरह जलमग्न हो गए। दर्जनों गांव के सैकड़ों घरों में लबालब पानी भर जाने से नष्टप्राय हो गए है। फसलें पूरी तरह तबाह हो गई । आज शनिवार कि सुबह इन उग्र नदियों के उफान में कमी आई है परिणाम स्वरूप नदियों में ऊपर उठता पानी ठहर गया है और आंशिक रूप से जल स्तर कम होता प्रतीत हो रहा है। विकासखंड रामपुरा के ग्राम बिलौड में लगभग एक दर्जन घरों में पानी लबालब भरा है प्राथमिक विद्यालय पूरी तरह से पानी में डूबा है, ग्रामीण टीलों पर टेंट लगा कर रहने को मजबूर है । ग्राम जखेता में लगभग 10 घरों में पानी भर जाने से उनका खाद्यान्न एवं पशुओं का भूसा नष्ट हो गया है। जखेता निवासी राजू ,केदार, रूप सिंह, मरजाद सिंह, हुकुम सिंह, लाखन आदि अनेक लोगों के घरों में पानी भर जाने के कारण जंगल में ऊंचाई पर टेंट लगाकर रहने को मजबूर है। पानी के तीव्र बहाव के कारण जिला प्रशासन की ओर से बाढ़ पीड़ितों को अभी तक कोई राहत पहुंचा पाना संभव नहीं हो पाया है। तहसीलदार माधौगढ़ ग्राम प्रधान से मोबाइल फोन द्वारा बात कर सुरक्षित होने की जानकारी अवश्य प्राप्त कर रहे हैं । कमोबेश यही स्थिति ग्राम पंचायत सुल्तानपुरा के ग्राम मुल्ले का पुरा एवं ग्राम भूरे का पुरा की है इस गांव में पानी भर जाने से ग्रामीण सुरक्षित स्थान पर टेंट लगाकर रह रहे हैं । शासन प्रशासन की ओर से कोई सहायता ना मिल पाने की स्थिति में ग्राम प्रधान द्वारा बाढ़ पीड़ितों के लिए जंगल में जेनरेटर लगवा कर भोजन बनवाया जा रहा है। ग्राम प्रधान ने बताया की प्रशासन की ओर से राहत सामग्री स्ट्रीमर के द्वारा भेजे जाने की सूचना प्राप्त हुई है। टीले पर टेंट लगाकर रह रहे मुल्ले का पूरा निवासी पूरन सिंह, राममहेश, ज्ञानसिंह आदि एवं भूरे का पूरा निवासी किरण देवी, लालसिंह आदि ने भारी मन से कहा कि हम गरीबों की बाढ़ से जानमाल की सुरक्षा करना चाहिए। हम लोग गत वर्ष भी दाने-दाने को मोहताज हो गए इस वर्ष हमारा भगवान ही मालिक है । नदिया पार के ग्राम निनावली जागीर, सिद्धपुरा, भैलावली, रिठौरा, नरौल, कदमपुरा ,हनुमंतपुरा राठौरनपुरा, अंगदेला की मडैया भले ही बाढ़ के पानी से सुरक्षित हैं लेकिन इन गांवों के बाशिंदों की फसल पूरी तरह से नष्ट हो जाने से परिवार के भरण पोषण एवं पशुओं के लिए चारा व दाना की समस्या मुंह बाए खड़ी है । ग्राम कूसेपुरा प्रतिवर्ष बाढ़ के पानी में डूब जाता है सरकार ने इस गांव के लोगों को विस्थापित करने के निर्देश दिए थे लेकिन 162 घरों के सापेक्ष मात्र 11 परिवारों को आवास मिले हैं इसलिए इन ग्रामीणों को विस्थापित करने की शासन की योजना बाढ़ के पानी में ही बह गई। ग्रामवासी टेंट लगाकर सुरक्षित स्थानों पर हैं। प्रशासन की ओर से लगातार राहत सामग्री पहुंचाई जा रही है। ग्राम भिटौरा के सम्पूर्ण रास्तों सहित अनेक ग्रामीणों के घरों में पानी भरा है । भिटौरा जगम्मनपुर रोड पर अस्थाई टेंट लगाकर रह रहे मनोज बाल्मीकि, हरिप्रकाश, रमेश बाल्मीकि, शिववीर कठेरिया, अंगूरी देवी आदि शासन प्रशासन एवं समाजसेवियों के द्वारा वितरित की जा रही खाद्यान्न सामग्री पर निर्भर हो गए हैं, वही ग्राम कंजौसा पूरी तरह से पानी से घिरे होने के बावजूद भी सुरक्षित है। ग्राम महटौली की गलियों मे पानी हिलौरें मार रहा है। हरिकांत, गुरुभान , श्री कृष्ण, प्रमोद, रघुनंदन, रामकिशोर सहित लगभग दो दर्जन घरों में पानी भरने से घरों में रखा सामान नष्ट हो गया है। ग्राम गुढ़ा वेरा पानी से पूरी तरह से घिरा है। जल के प्रबल बेग से कारण लगभग 15-20 एकड़ कृषि भूमि कटाव में बह गई है। ग्राम हिम्मतपुर के आने जाने का मुख्य मार्ग बंद है लेकिन खेतों से आने जाने का रास्ता खुला होने से ग्रामीण राहत महसूस कर रहे हैं , गांव की गलियों में पानी भरा होने से बच्चे अठखेलियां करते दिखाई दे रहे हैं। ग्राम जायघा एवं ग्राम कर्रा में पानी भरा है लगभग पचास घरों का सामान पानी में डूब जाने से पूरी तरह से नष्ट हो गया हैं।
ग्राम पंचायत मिर्जापुर जागीर के चारों ओर पानी भरा है ग्रामीण गांव में रहकर सुरक्षित है लेकिन आने-जाने के सभी मार्ग बंद हो जाने के कारण आपदा काल में शासन की ओर से उपलब्ध कराई जाने वाली राहत सामग्री अथवा चिकित्सकीय सहायता मिल पाना संभव नहीं हो पा रहा है । गांव के जगतसिंह पाल, उदयसिंह, देवेंद्र, श्रीकृष्ण, संजू आदि ग्रामीणों ने आपातकाल के लिए ऊपर टीलों से होकर एक रास्ता बनवाने की मांग की है । बाढ़ की आपदा में पीड़ितों के प्रति संवेदनशील जिलाअधिकारी जालौन चांदनी सिंह , पुलिस अधीक्षक रवि कुमार, उप जिलाधिकारी माधौगढ़ अंगद सिंह यादव, क्षेत्राधिकारी डॉक्टर देवेंद्र कुमार, खंड विकास अधिकारी ओम प्रकाश द्विवेदी ,थानाध्यक्ष रामपुरा राजीव कुमार वैस सहित अनेक अधिकारी कर्मचारी क्षेत्र में निरंतर भ्रमण कर ग्रामीणों को आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति करवाने एवं उन्हें सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के कार्य मे जुटे हैं । आज जिलाधिकारी पुलिस अधीक्षक सहित तमाम आला अधिकारियों ने मोटरवोट से यात्रा कर रामपुरा नदियापार के अनेक गांव में पैदल भ्रमण कर राहत सामग्री का वितरण किया।