एक बाप की गुहार बेटी के लिए

 

जौनपुर:-सिद्धार्थ कुमार साहू निवासी कोतवाली चौराहा जिला जौनपुर, अपनी इकलौती बेटी वंशिका साहू (12) को दिनांक 19/10/2022 को हल्के बुखार व् पेट दर्द होने के कारण दिनांक 20/10/2022 को जौनपुर नगर के पॉलिटेक्निक रोड स्थित ओमसाईं बाल चिकित्सालय में डॉक्टर अभिषेक मिश्रा को दिखाय।

वंशिका को देख डॉक्टर ने आश्वासन देते हुए 5 दिन की दवा दिया, लेकिन 1 दिन की दवा खाने के बाद दिनांक 20/10/2022 की रात वंशिका के पेट में दर्द हद से ज्यादा बढ़ गया, जिसके चलते सिद्धार्थ अपनी बेटी को अगले दिन 21/10/2022 दोबारा अभिषेक मिश्रा को दिखाया जिस पर उन्होंने मरीज की कई तरह की जांच कराई और उसे भर्ती कर लिय।

दिनांक 21/10/2022 को सारा दिन उन्होंने मरीज का इलाज करते हुए उसे कुछ इंजेक्शन दिए वह जरूरी दवाइयां दी। लेकिन बच्ची की स्थिति और बिगड़ती जा रही थी, स्थिति को देखते हुए सिद्धार्थ ने डॉक्टर अभिषेक मिश्रा से दिनांक 22/10/2022 को आग्रह करते हुए कहा कि अगर वह केस को नहीं संभाल सकते तो वो डिस्चार्ज शीट देते हुए मरीज को वाराणसी या प्रयागराज रिफर कर दे परंतु डॉ अभिषेक मिश्रा की लापरवाही कहा जाए या उनके धन उगाही की नियत जिसकी वजह से उन्होंने दोबारा झूठा आश्वासन देते हुए कहा कि पेशेंट को कोई दिक्कत नहीं होगी, दवा देने पर ऐसे सिम्पसटम देखे जाते हैं वगैरा-वगैरा बोल कर संतुष्ट किया और डिस्चार्ज नहीं किया जिसके बाद 23/10/2022 की सुबह तक मरीज को हार्ड इंजेक्शन की वजह से और 4 दिनों से बिना खाए पिए लगातार ट्रीटमेंट की वजह से प्लेटलेट 21000 हो गया। जिस पर डॉ अभिषेक मिश्रा सिद्धार्थ से दो यूनिट प्लेटलेट्स का इंतजाम करने को बोला। दिनांक 23/10/2022 को सुबह वंशिका दर्द से तड़प रही थी बोल रही थी कि उसका पैर हद से ज्यादा दर्द कर रहा है और लगातार नहाने की जिद करते हुए हॉस्पिटल बदलने को कह रही थी। हार्ड इंजेक्शन लगाए जाने की वजह से उसका शरीर भीतर से जल रहा था। दिनांक 23/10/2022 की सुबह जब डॉक्टर अभिषेक मिश्रा राउंड पर आये तो सिद्धार्थ उनसे बेटी का पूरा हाल बताते हुए पुनः आग्रह किया कि वह उसे डिस्चार्ज कर कही और रिफर कर दें क्योंकि बेटी की तकलीफ बढ़ती ही जा रही थी, परन्तु डॉ अभिषेक मिश्रा अपने सैकड़ों मरीज को देखने की जल्दी में दोबारा झूठा विश्वास दिलासा देते हुए आश्वासन दिया कि आप फिक्र ना करें लड़की बिल्कुल ठीक हो जाएगी और फिर कुछ इंजेक्शन लगवा कर चले गए। वंशिका दर्द के चलते अस्पताल में तड़प रही थी और परिवार के अन्य सदस्य प्लेटलेट के इन्तेजाम में सारा दिन भटक रहे थे। किसी तरह शाम 7:00 बजे 1 यूनिट प्लेटलेट्स का इन्तेजाम हुआ और लाकर हॉस्पिटल को दिया, तब तक वंशिका दर्द और जलन से पागल हो चुकी थी जिसके बाद डॉ जबरदस्ती बुलाने पर आते है और दिनांक 23/10/2022 को 8.00 – 9.00 बजे के बीच प्लेटलेट्स चढ़वाते हैं जिसके बाद दर्द और भी ज्यादा बढ़ गया और वंशिका की स्थिति काबू करने के चक्कर में उन्होंने उसे कोई इंजेक्शन दिया जिससे कुछ ही देर बाद वंशिका के मुंह से झाग आने लगा और वह बोलने लगी पापा मेरा पैर पत्थर हो रहा है यह बात सुनते ही डॉ अभिषेक मिश्रा ने अपने कर्मचारीयो को तत्काल निर्देश दिया कि वह लड़की को इमरजेंसी रूम में शिफ्ट करे। जहां शिफ्ट करने के बाद वंशिका को डॉक्टर अभिषेक मिश्रा ने ऑक्सीजन पर रखा और चेकअप शुरू किया ओक्सीमीटर लगाने पर जब उन्हें पल्स नहीं मिल रही थी तो उन्होंने अपने स्टाफ को निर्देश दिया कि तुरंत इस बच्ची को एम्बुलेंस में डालो और बनारस ले जाओ। आनन-फानन में वंशिका को एंबुलेंस में लेकर तुरंत निकले क्योंकि वह उस वक्त चिल्ला रही थी और मौत से लड़ रही थी इस उम्मीद से सिद्धार्थ तुरंत वहां से निकले और उसे डॉक्टर अभिषेक मिश्रा ने न ही डिस्चार्ज लेटर दिया नहीं रेफर लैटर दिया बस ऐसे ही जाने दिया। सिद्धार्थ और उनकी पत्नी आनन-फानन में अपनी बच्ची को लेकर बनारस गैलेक्सी हॉस्पिटल पहुंचे वहां पहुंचने के उपरांत गैलेक्सी हॉस्पिटल के डॉक्टर ने बच्ची की जांच की और कहा कि बच्ची में कुछ नहीं बचा है आप वापस लेते जाएं। डॉ अभिषेक मिश्रा रूहठठा के गलत ट्रीटमेंट व् इलाज सही तरीके से न करने की वजह से वंशिका साहू की मृत्यु हो गई।