सकारात्मक रंगों से होली को और भी सकारात्मक बनाने के प्रयास हो ,पानी की बर्बादी न हो होली पर इस बार।

यूं तो होली का त्यौहार फागुन में रंग बिखेरने के साथ-साथ खुशी एवं हर्षोल्लास के साथ मनाया जाने वाला त्यौहार है। परंतु वर्तमान समय में यही रंग ,रंग में भंग मिलाने का काम कर रहे हैं। मिलावटी रंगों की वजह से कई बार होली का माहौल खराब हो जाता है । होली के रंगों में मिलावट होने के कारण होली के यही रंग हमारी स्किन पर गलत प्रभाव छोड़ जाते हैं । इन रंगों के प्रयोग से कई बार हालत गंभीर भी हो जाते हैं इसीलिए लोग होली पर कलर ( रंगो ) के प्रयोग से अब बचने लगे हैं या उनके लिए ऑप्शन ढूंढते हैं।
उचित यही होगा कि हम होली पर कलर लगाते हुए सावधानी बरतें बाजार में मिल रहे सिंथेटिक कलरों की अपेक्षा घर में ही कलर विशेष रूप से तैयार करे । वैसे हम उपयुक्त कलरों का चुनाव करते हुए होली खेल सकते हैं होली खेलने के कई तरीके हैं आप सुखी होली गुलाल का तिलक लगाते हुए भी खेल सकते हैं क्योंकि ऐसा करने से हम जल संकट से भी बच सकेंगे, अधिकांश ही होली पर पानी का व्यर्थ ही बहाव हो जाता है जबकि गुलाल से खेली जाने वाली होली में हर्षोल्लास ज्यादा है मन में भावनाएं बेहतर होनी चाहिए होली के प्रति ,यह तो वैसे भी तो से मिलकर हर्षोल्लास के साथ मनाया जाने वाला त्यौहार है इसमें हम सांस्कृतिक रूप से भी मिलजुल कर मना सकते हैं। तो इसीलिए होली पर कोशिश करनी चाहिए संगीतमय माहौल के साथ अपनी संस्कृति से सजी हुई होली पर गुलाल का तिलक लगाकर ही होली मनाई जानी चाहिए। ताकि हम प्रकृति की मदद कर सकें। इसके अलावा हम होली के उत्सव के लिए खुद ही कलर तैयार कर सकते हैं।
1. हम चंदन का लेप में थोड़ा सा केसर मिलाकर नारंगी रंग कातिक आया तिलक बना सकते है । कहते हैं चंदन शीतलता देता है और केसर भाग्योदय करने का काम करता है , यह दोनों ही शुभ आशीष के समान है ।
2. सूखे लाल चंदन को गुलाब में मिलाकर पीस कर या गुड़हल के फूलों को सुखाकर टेलकम पाउडर में मिलाकर हम लाल रंग को बना सकते हैं । इस प्रकार लाल रंग से होली खेलने से मन महेक उठेगा ।
3. नीले रंग के लिए हम नीले गुलहड़ के फूल या नीले गुलमोहर के फूलों को पीसकर प्राकृतिक नीला रंग तैयार कर सकते हैं जंगली फूलों के अलावा हम किसी भी रंग के नीले फूल का प्रयोग होली खेलने के लिए कर सकते हैं।
4. सफेद रंग के लिए सफेद चंदन पाउडर में हम टेलकम पाउडर मिलाकर सफेद कलर बनाया जा सकता है इन फूलों की होली से तन मन स्वस्थ रहता है।
5. गुलाबी रंग के लिए पलाश के लाल फूलों को पीसकर हम टेलकम पाउडर में मिला सकते हैं एवम् गुलाबी रंग के लिए कचनार के फूलो का प्रयोग भी किया जा सकता है ।
6. नारंगी रंग के लिए हार श्रृंगार के फूलों को सुखाकर पीस के तैयार भी किया जा सकता है इनकी सुगंध और मेहक मनमोहक होती है और यदि हम इनमें चुकंदर को बारीक पीसकर मिलाएं तो शानदार गीला रंग तैयार हो जाएगा।
7. हरे रंग के लिए मेहंदी से ज्यादा श्रेष्ठ कोई कलर नहीं है हम मेहंदी के पत्तों को पीसकर उसमें टेलकम पाउडर मिलाकर हरा रंग तैयार कर सकते हैं या गुलमोहर के पत्तों को अच्छी तरह सुखाकर पीसकर प्राकृतिक हरा गुलाल तैयार कर सकते हैं जो हमारे मन और हमारे होली के महोत्सव को महका दे।

इस प्रकार हम सकारात्मक होली अपने सकारात्मक विचारों के साथ साथ प्राकृतिक रंगों के साथ मनाने का प्रयास कर सकते हैं ताकि हम प्रकृति की आराधना उसके दिए हुए श्रेष्ठ रूप में कर सकें एवम् हमें पानी वाली होली खेलने से बचना चाहिए ,ताकि हम जल की बर्बादी से बच सके ।

©®आशी प्रतिभा दुबे ( स्वतंत्र लेखिका)
मध्य प्रदेश ग्वालियर
भारत
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अमन नारायण अवस्थी अटल जन शक्ति संगठन अटल जन शक्ति संगठन अटल जन शक्ति संगठन