इत्थम मंदाकिनी गंगा द्वितिया च पयस्वनी !  तृतीया पुण्य गायत्री तिस्त्रः गंगा धरातले.   !!शिखर नंदिनी (शिखर से जन्म लेने वाली) नदियां तेज स्वरूपा होती हैं इनका जल तन मन एवं आत्मा को तृप्त करता है। देश के प्रायः तीर्थ नदियों के...