जन्मदिन
जन्मदिन तो साल में सबका
एक बार ही आता है पर
सीमा पर खड़े जवानों का
कौन जन्मदिन मनाता है ।
ना जाने कब दुश्मन की ,
किस गोली पर नाम लिखा है
और कब शहीद हो जाना है
लक्ष्य है जीवन बस एक यही
मातृभूमि...
गोस्वामी तुलसीदास जी का विश्व के आध्यात्मिक साहित्य में सर्वोपरि स्थान...
आध्यात्मिक जगत में एवं सर्वोपरि भारतीय साहित्य में गोस्वामी तुलसीदास जी का अनुपम स्थान है। जिस ज्ञानदीप को कविवर गोस्वामी तुलसीदास जी ने प्रज्वलित किया वह आज भी प्रकाशमान...
समालोचन!
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आज फिर पिघला है आकाश
नमी है दिल की ज़मीन पर
आज फिर बोए जाएंगे
कुछ बीज संकल्प के,
हृदय और मस्तिष्क के द्वंद ने
जोत डाली है....
इच्छाओं की ज़मीन को
पथरीली पड़ गई थी
यूं ही पड़ी हुई पीड़ा के भय से!
वर्षों तक ना बरसे...
आठवाँ रंग!
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मैंने कल रंगा था इंद्रधनुष को आठवें रंग से
तोड़ लाई थी एक तारा,
टांग लूंगी अपने खिड़की की वॉल पर
छोटी घंटियों के साथ...
आसमान से उतरते मौसम की हर एक ख़बर
मुझतक लाएंगी हवाएँ,
इनकी झुनझुनाहट से भर जाएगा...
इत्थम मंदाकिनी गंगा द्वितिया च पयस्वनी !
तृतीया पुण्य गायत्री तिस्त्रः गंगा धरातले. !!
शिखर नंदिनी (शिखर से जन्म लेने वाली) नदियां तेज स्वरूपा होती हैं इनका जल तन मन एवं आत्मा को तृप्त करता है।
देश के प्रायः तीर्थ नदियों के...