नई जानकारी से चौबेपुर के व्यापारियों, किसानों में खलबली

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सेना ने पेश किया अपना दावा एक सप्ताह में निर्णय लेने का निर्देश

चौबेपुर(वाराणसी)। चौबेपुर के जुझारपट्टी,बरसड़ा, चौबेपुर बाजार सहित कई जमीनों पर सेना द्वारा अपना दावा पेश किए जाने से व्यापारियों तथा किसानों में खलबली मची हुई है। जिस जमीन पर सेना ने दावा किया है उस पर लोग मकान बनवाकर कई वर्षों से आबाद हैं। प्रयागराज के मण्डल रक्षा संपदा अधिकारी ने जिलाधिकारी कौशलराज शर्मा को पत्र लिखकर कहा है कि आराजी संख्या 97 (4 एकड़ 89 डिसमिल, आराजी संख्या 100/181 डिसमिल, जुझारपट्टी की आराजी संख्या 183 का दो एकड़ 45 डिसमिल, आराजी संख्या 184/१ तीन एकड़ 87 डिसमिल, आराजी संख्या 80/242,23 डिसमिल और चौबेपुर की आराजी संख्या 108/1 एक एकड़ 24 डिसमिल तथा 134/1/23 डिसमिल सेना की थी।

गौराउपरवार गांव के रामलखन तिवारी ने सेना की भूमि को सफाई के लिए ठेका लिया था। एक अगस्त 1959 को उन्होंने विधि विरूद्ध तरीके से अपने तथा अपने लोगों के नाम क्या लिया था। रक्षा संपदा अधिकारी ने पत्र में इस मामले की जांच कराकर एक अगस्त 1959 को रद्द करने तथा उस पर भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय का नाम दर्ज कराने का अनुरोध किया है। जिलाधिकारी ने पत्र से सम्बंधित मामले का एक सप्ताह के अंदर निस्तारण करने का निर्देश दिया है। इस संबध में चौबेपुर के लेखपाल से पूछा गया तो उन्होंने कोई जानकारी नहीं दी। वहीं, चौबेपुर के लोगों में चर्चा हो रही है कि वाकई यह जमीन पहले सेना की थी।