मनरेगा के तहत फर्जी मस्टररोल भरकर निकाला गया है पैसा।
वही शौचालयों में घटिया निर्माण के चलते धराशायी होने लगे शौचालय, खुले मैदान में शौच जाने को मजबूर ग्रामीण।
पीएम आवास पर सचिव और पंचायत मित्र के मनमानी के चलते गरीब जनता को नही मिली मजदूरी।
ग्रामीणों के शिकायत पर जांच टीम हुई थी गठित।
समय से जांच टीम न पहुँचने पर सचिव,पंचायत मित्र व प्रधान मिलकर साक्ष्य मिटाने की कर रहे कोशिश।
मनरेगा में हुए कार्यो पर मानकबोर्ड जो कभी नही लगाया गया था जांच की डर से मानक बोर्ड रातोरात लगकर हुए तैयार।
जानकारी के अनुसार मनरेगा के सभी कार्यो पर अन्य खर्चो के रूप में 10 से 20 हजार का दिखाया जाता है खर्च।
मकरी पहरा गांव में हुए विकास कार्यो पर यदि हुई जांच तो निकलेगा बड़ा घोटाला,जिसमे सफेदपोशों के साथ-साथ अधिकारियों की मिलीभगत भी आ सकती है सामने।