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खोज एक संत कि

जो मुक्त हो गया जिसमें सत्य को खोज लिया वही संत है! इसलिए संत को परमात्मा स्वरुप माना गया है !

खोज एक संत की में उत्तर प्रदेश के जनपद जौनपुर के ताला मझवारा (सुगुर्दीपुर) गांव के सई नदी के तट पर समीप सैकड़ों एकड़ जंगलों के बीच एक महान तपस्वी एक महान विभूति आज भी अपनी तपस्या से मानव जाति के कल्याण हेतु 25 वर्षों से मौन व्रत रह कर बाबा भरत दास जी मौनी बाबा के नाम से विख्यात हैं!

बाबा भरत दास जी 12 वर्षों तक अन्न का भी त्याग किया हुआ है! इन्होंने 5 वर्षों तक गुफाओं में रहकर घोर तपस्या किया है भरत दास जी का जन्म सुगुर्दीपुर गांव के ही क्षत्रिय परिवार में में हुआ है जन्म से ही ईश्वर में घोर लगाव संतों से अथाह प्रेम 12वीं तक शिक्षा ग्रहण करने के पश्चात इन्होंने गृह त्याग कर दिया और एक संत के मार्गदर्शन में संत की दीक्षा लेकर जीवन भर ब्रह्मचर्य का संकल्प लेकर गुरु की आज्ञा से गांव के समीप की जंगलों में अपना कुटी बनाया और आज अपने तपोबल से उस स्थान को बहुत तीर्थ पवित्र बनाया है!

बाबा जी की कुटी के समीप प्राकृतिक सौंदर्य का पूरा सुंदर वातावरण है आज के जमाने में संतों का चोला ओढ़कर कुछ ऐसे भी संत समाज को गुमराह करते हैं जहाँ पर ऐसे संत शिरोमणि जो इतना त्याग तपस्या कर कर के मानव जाति के उत्थान के लिए अपने जीवन को समर्पित कर रहे हैं! वह सभी संतो के लिए मानव जाति के लिए प्रेरणा है! ऐसे संत को पूरी आन्या एक्सप्रेस न्यूज़ की पूरी टीम बारंबार प्रणाम करती है!

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