पुलिस अधीक्षक जालौन ने जानकारी दी कि जिले के 36 जमातियों में से कोई कोरोना पॉजीटिव नहीं

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उरई (जालौन)। पुलिस अधीक्षक ने स्पष्ट किया है कि जनपद के विभिन्न हिस्सो में रोके गये 36 जमातियों में से कोई कोरोना पांजीटिव नहीं पाया गया है। साथ ही जनपद में जिन जमातियों की निगरानी की गयी उनमें से कोई भी मार्च में हुई दिल्ली के निजामुददीन इलाके में हुयी तब्लीगी जमात की मरकज में शामिल नहीं हुआ था। जनपद को शासन द्वारा जमातियों के कारण असंतोषजनक श्रेणी में रखे जाने से फैली बेचौनी के निराकरण के लिए एसपी के द्वारा रविवार को पुलिस लाइन में आनन फानन बुलाई गयी मीडिया वार्ता में यह जानकारियां दी गयी।

पुलिस अधीक्षक डा. सतीश कुमार ने जमातियां के बारे में विवरण देते हुए बताया आज से 20 दिन पहले ही उनके व डीएम सहाब के द्वारा इन सबको वेरीफाई कर लिया गया था ये 36 लोग है जिनमे 11 कोच रोके गये ,14 कालपी व 11 जालौन में रोके गए है कुल मिलाकर 36 लोग जिनको संदिग्ध पाया गया था शुरुआत में जब तब्लीगी जमात की रिपोर्ट आई थी व इनसे वार्ता व पूछताछ की गई जाँच के लिए इनके नम्बर सर्विलांस लागये गए उसकी जाँच के बाद इनकी लोकेशन झांसी ,कानपुर जालौन , व अन्य आस-पास की जनपद में ही पाई गई ,ये लोग दिल्ली के निजामुददीन में हुई तब्लीगी जमात मरकज शामिल नही हुए थे जमात के होने के कारण इनको अलग-अलग जगह कोरन्टाइन किया गया था ,थाना जालौन में सहावना का मुहल्ले में स्थित नूरानी मस्जिद में 11 जमातियां को निगरानी में लेकर उन्हें कोरन्टाइन कराया गया जिसमें 14 दिन पूरे हो चुके है। लेकिन लॉक डाउन के कारण उन्हें फिर भी रोकना पड गया है। इसी क्रम में थाना कोंच क्षेत्र में भगत सिंह नगर स्थित अंसारियन मस्जिद में 11 जमाती रोके गये थे। जिनकी पहले थर्मल स्क्रीनिंग करायी गयी। ओ के पाये जाने के बावजूद सतर्कता के लिए उनका भी कोरन्टाइन कराया गया। थाना कालपी क्षेत्र के बगिया में 14 जमातियों को निगरानी मे लेकर कोरन्टाइन में रखा गया। इन सभी के भी 14 दिन पूरे हो गये है। इनमें से 4 का सैंपिल भेजा गया था। सभी की रिपोर्ट निगेटिव आयी है। मजबूत साक्ष्यों के साथ जिले से शासन को भेजे जा रहे, इस निराकरण पर लखनऊ में गौर होगा कि नहीं। असंतोष की श्रेणी में रखे जाने से 21 अप्रैल से जिले को मिलने वाली रियायतों में संदेह व्यक्त किया जा रहा था।