Homeबुंदेलखंडभ्रष्टाचार का पर्याय बना ग्राम पंचायत कनकोटा

भ्रष्टाचार का पर्याय बना ग्राम पंचायत कनकोटा

राजापुर/चित्रकूट:- राजापुर तहसील अंतर्गत ग्राम पंचायत कनकोटा के प्रधान व सचिव विकास कार्यों के भ्रष्टाचार में लिप्त है ग्रामीणों ने कई बार जिलाधिकारी,मुख्यमंत्री एवं संबंधित अधिकारियों को प्रार्थना पत्र के माध्यम से भ्रष्टाचार के विषय में अवगत करा चुके हैं लेकिन भ्रष्टाचार का पर्याय बना प्रधान व सचिव द्वारा विभागीय अधिकारियों की सांठगांठ से जांच नहीं हो पा रही है।

बताते चलें कि ग्राम पंचायत कन कोटा के प्रधान सीताराम निषाद द्वारा गांव के भारत स्वच्छता मिशन के तहत शौचालय, प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना एवं मनरेगा में भारी भ्रष्टाचार करके गांव को विकास की ओर न ले जाकर विनाश की ओर ले जा रहे हैं गांव के शिव मिलन ने प्रधान द्वारा किए गए भ्रष्टाचार के उजागर के लिए शपथ पत्र के माध्यम से 25 जनवरी 2020 व उसके पहले मनरेगा में कराए गए कार्यों तथा मंदाकिनी नदी की सफाई के लिए 11लाख62हजार175 रुपए व्यय किया गया है

जबकि अर्की से लेकर यमुना नदी तक अविरल धारा मंदाकिनी की बह रही है व मेड़बंदी ,समतलीकरण के कार्यों को मनरेगा के मजदूरों से न करा करके जेसीबी का प्रयोग कर गरीबों की रोजी-रोटी छीन कर कार्य कराया गया है तथा राज्य वित्त एवं 14 वें वित्त में जो कार्य कराया गया है उसमें अत्यंत ही घटिया किस्म के सामान का प्रयोग किया गया है

तथा गौशाला सैड, बकरी पालन सेड, तथा पर्यावरण को शुद्ध करने के लिए ब्लॉक के माध्यम से वृक्षारोपण कार्य कराया गया था जो मात्र कागजों में ही सीमित रह गया है वही ग्राम प्रधान व सचिव द्वारा हैंड पंप मरम्मत में लाखों रुपए का गोलमाल किया है व फर्जी तरीके से रिबोर दिखाकर नया हैंड पाइप लगवाए गए हैं

जो प्रधान द्वारा अपने परिजन व रिश्तेदारों को फर्जी तरीके से हैंडपंप लगवाए हैं तथा चौकीदार की नियुक्ति पर अपने परिजन की करके पैसे का दुरुपयोग किया गया है जिसकी जांच हेतु कई बार ग्रामीणों ने उच्च अधिकारियों को दी गई है लेकिन आज तक भ्रष्टाचार का पर्याय बना प्रधान एवं ग्राम सचिव का कोई भी स्थलीय निरीक्षण नहीं किया गया

यदि कोई अधिकारी निरीक्षण में गया है तो वह प्रधान से मोटी रकम लेकर जांच आख्या देते हुए अधिकारियों को गुमराह किया है इतना ही नहीं प्रधानमंत्री स्वच्छ शौचालय के अंतर्गत गांव में शौचालय बनवाने के लिए भारी धनराशि दी गई थी लेकिन आज तक गांव ओडीएफ नहीं हो पाया बताया गया है कि प्रधानमंत्री स्वच्छ शौचालय में ग्रामीणों से प्रधान द्वारा प्रत्येक लाभार्थी से ₹1000 प्रति व्यक्ति लिया गया है जिसमें इंद्र कुमार, जोद्धी निषाद, मुन्नी लाल निषाद, बसंत लाल पुत्र कुल्लू निषाद, नथन लाल निषाद, ने आरोप लगाया है कि प्रधान के द्वारा रुपए लेकर शौचालय का आवंटन कराया जाता है

जो गरीब व्यक्ति पैसा नहीं देता वह आज भी जंगल में शौच करने को मजबूर है जबकि माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का सपना है कि गांव को ओडीएफ कर हर व्यक्ति के घर में इज्जत घर का निर्माण होना चाहिए जिसकी प्रधान व सचिव द्वारा खुलेआम धज्जियां उड़ाई जाती हैं।

ग्राम सभा के निर्वाचित सदस्यों ने आरोप लगाया है कि किसी भी विकास कार्य हेतु ग्राम पंचायत में खुली बैठक नहीं कराई जाती और कार्यवाही रजिस्टर में फर्जी अंगूठा व हस्ताक्षर बनाकर कार्य कराया जाता है। ग्राम पंचायत निर्वाचन के बाद से आज तक कोई भी खुली बैठक नहीं कराई गई।

गांव के गोद्धी निषाद , चुनकी पत्नी छोटेलाल ,दुर्योधन ,मनोज निषाद ,मन्ना निषाद,संतोष दलित ,शिवमान ,हीरा लाल साहू ,रामू निषाद, मितेश कुमार आदि ग्रामीणों ने जिलाधिकारी चित्रकूट से मांग किया है कि विकास विभाग के अलावा किसी अन्य विभाग से इस भ्रष्टाचार की जांच कराने की मांग की है और ग्रामीणों ने कहा है कि यदि भ्रष्ट प्रधान व सचिव की जांच नहीं कराई गई तो मजबूर होकर सत्याग्रह आंदोलन को बाध्य हो जाएंगे।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -

Most Popular