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भाजपा में अपनों के मध्य चुनावी रण, प्रयागराज सांसद रीता बहुगुणा जोशी के पुत्र भाजयुमो के राष्ट्रीय प्रतिनिधि मयंक जोशी ने भाजपा को किया अलविदा

भाजपा में अपनों के मध्य चुनावी रण, प्रयागराज सांसद रीता बहुगुणा जोशी के पुत्र भाजयुमो के राष्ट्रीय प्रतिनिधि मयंक जोशी ने भाजपा को किया अलविदा: सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव को दिया साथ, चुनावी दंगल में साइकिल की सवारी.!

लखनऊ से प्रयागराज तक साधने की रणनीति ने भाजपा सांसद रीता बहुगुणा जोशी के समर्थकों ने दंगल में पछाड़✍️

भारतीय जनता पार्टी में अपनों के मध्य ही उत्तर प्रदेश में चुनावी दंगल चल रहा है l प्रयागराज लोकसभा क्षेत्र की  सांसद श्रीमती रीता बहुगुणा जोशी के बेटे भाजयुमो के राष्ट्रीय प्रतिनिधि मयंक जोशी ने सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव के साथ होकर चुनावी रण में पछाड़ दिया है l समर्थकों के साथ मयंक जोशी का सियासी मकसद साफ हैं l लखनऊ से लेकर प्रयागराज तक चुनावी अखाड़े में भाजपा सांसद श्रीमती रीता बहुगुणा जोशी और उनके पुत्र मयंक जोशी भाजपा को ही परास्त करेंगे l जिसके सियासी मायने भी निकाले जा रहे हैं l इससे लखनऊ से प्रयागराज तक राजनीतिक संदेश देने की रणनीति मानी जा रही है l
*भाजपा ने सांसद रीता बहुगुणा जोशी के बेटे को नहीं दिया टिकट*
सांसद रीता बहुगुणा जोशी अपने बेटे मयंक जोशी के लिए भाजपा से लखनऊ कैंट विधानसभा सीट से टिकट मांग रही थीं l इसके लिए रीता बहुगुणा ने अपनी लोकसभा सीट छोड़ने तक का प्रस्ताव दिया था l इसके बावजूद उनके बेटे को टिकट नहीं दिया और इस सीट से बृजेश पाठक को प्रत्याशी बना दिया l सांसद रीता बहुगुणा जोशी के बेटे मयंक जोशी आखिरकार सपा की चौखट पर पहुंच कर सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव के साथ हो गए l
*लखनऊ से प्रयागराज में उत्तराखंडी वोट अहम*
लखनऊ एवं प्रयागराज में बड़ी संख्या में ब्राह्मण मतदाता हैं, जिसमें ज्यादातर उत्तराखंड के लोग हैं l रीता बहुगुणा जोशी संसद बनने से पहले लखनऊ कैंट सीट से दो बार विधायक रह चुकी हैं, 2012 में पहली बार इस सीट से कांग्रेस के टिकट पर विधायक बनी थीं और दोबारा 2017 में बीजेपी से चुनी गई थीं, जिसके बाद योगी सरकार में मंत्री बनीं l 2019 के लोकसभा चुनाव में रीता बहुगुणा प्रयागराज से सांसद बन गईं l वहीं, 2022 के विधानसभा चुनाव में लखनऊ कैंट सीट से रीता ने अपने बेटे मयंक जोशी के लिए बीजेपी से टिकट की मांग रखी l रीता ने उस समय कहा था, ‘मेरा बेटा 12 साल से बीजेपी में काम कर रहा है l ऐसे में उसने टिकट मांगा है l अगर पार्टी उनके बेटे को टिकट देती है, तो वे सांसद पद से इस्तीफा देने के लिए तैयार हैं l इतना ही नहीं वो 2024 लोकसभा चुनाव भी नहीं लड़ेंगी l बीजेपी ने मयंक के बजाय कैबिनेट मंत्री बृजेश पाठक को प्रत्याशी बना दिया l
*लखनऊ से प्रयागराज तक असर होगा ?,*
माना जा रहा है कि इसी के बाद से मयंक जोशी नाराज चल रहे थे और रीता बहुगुणा जोशी अभी तक कहीं चुनावी प्रचार में नजर नहीं आई हैं l जिसका सियासी असर लखनऊ की कैंट सीट पर पड़ने के साथ साथ पांचवे चरण में प्रयागराज जिले की सीटों पर भी पड़ सकता है, जहां से रीता बहुगुणा जोशी सांसद हैं l
लखनऊ और प्रयागराज दोनों ही रीता बहुगुणा जोशी की कर्मभूमि रही है l उनका सियासी प्रभाव माना जाता है l
*सपा ने ब्राह्मणों को दिया सियासी संदेश*
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने शामिल कर बड़ा सियासी दांव चला है l एक तरफ लखनऊ कैंट सीट पर रीता बहुगुणा के समर्थकों को सियासी संदेश दिया तो दूसरी तरफ ब्राह्मण वोट बैंक को साधने का प्रयास किया है l यूपी का चुनाव अब जिस तरह से अवध और पूर्वांचल के इलाके में है, जहां पर ब्राह्मण वोटर काफी अहम है l योगी सरकार पर ब्राह्मणों की अनदेखी का आरोप लगातार विपक्ष लगाता रहा है, जिसके चलते ब्राह्मणों को साधने के लिए तमाम पार्टियां सक्रिय है l ऐसे में अखिलेश ने मयंक जोशी के जरिए बड़ा सियासी दांव चला है

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