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जिले के 300 टीबी मरीजों को अधिकारी लेंगे गोद – विश्व क्षय रोग दिवस पर आज होगा आयोजन

जिले के 300 टीबी मरीजों को अधिकारी लेंगे गोद
– विश्व क्षय रोग दिवस पर आज होगा आयोजन

चित्रकूट ब्यूरो: कलेक्ट्रेट सभागार में बुधवार को जिलाधिकारी की अध्यक्षता में स्वास्थ्य विभाग के साथ अन्य विभागों के अधिकारियों, एनजीओ के प्रतिनिधियों की बैठक हुई। बैठक में विश्व क्षय रोग दिवस (24 मार्च) पर टीबी मरीजों को गोद लेने पर मंथन किया गया।
जिलाधिकारी शुभ्रांत कुमार शुक्ला ने कहा कि टीबी मरीजों को जो भी लोग गोद ले रहे हैं। गोद लिए गए मरीजों को अधिकारी समय-समय पर फोन करके उनका हाल चाल लेते रहें। उन्हें प्रेरित करते रहें कि सरकारी अस्पताल द्वारा निःशुल्क उपलब्ध कराई गई दवाओं का सेवन नियमित तौर पर करते रहें। किसी भी हालत में दवा बीच में या बगैर चिकित्सक की सलाह के न छोड़ें क्योंकि ऐसा करने से क्षय रोग और जटिल रूप धारण कर सकता है। इस बारे में भी टीबी रोगियों को अवगत कराते रहें। उन्होंने कहा कि इसके अलावा गोद लेने वाले लोग क्या-क्या करें इसके लिए एक पंपलेट बनवा कर उन्हें उपलब्ध कराएं। मरीजों को गोद लेने वाले अधिकारी उनसे बराबर संपकर् में रहें। इसके अलावा जिला क्षय रोग अधिकारी टीबी मरीजों को गोद लेने वाले लोगों को बीच-बीच में फोन करके पूछते रहें कि गोद लेने वालों ने मरीज से हाल ही में कब संपकर् किया था और उसका क्या फॉलोअप रहा।
मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ भूपेश द्विवेदी ने कहा कि जिला क्षय रोग अधिकारी कोशिश करें कि टीबी मरीज जिस जगह ब्लॉक, तहसील के हैं उसी क्षेत्र के अधिकारी को उस टीबी मरीज  को गोद लेने के लिए पूरी जानकारी दें। इससे फोन के अलावा यदि अधिकारी व्यक्तिगत संपकर् कर उनकी कुछ मदद करना चाहें तो वह उससे आसानी से और अल्प समय में मिल सकें।
जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ बीके अग्रवाल ने विश्व क्षय रोग दिवस के कायर्क्रम पर विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि भारत सरकार द्वारा वषर् 2025 तक देश को टीबी मुक्त करने की योजना है। इसके तहत प्रदेश की राज्यपाल द्वारा टीबी रोगियों को गोद लेने की पहल की गयी है। इसके तहत जिले में भी विश्व क्षय रोग दिवस पर क्षय रोगियों को जिले के अधिकारी और एनजीओ के प्रतिनिधियों द्वारा गोद लेने का कायर्क्रम मंदाकिनी गेस्ट हाउस में होगा। उन्होंने बताया कि टीबी का इलाज छह माह तक चलता है। इस दौरान गोद लेने वाले लोग संबंधित मरीज का हाल-चाल ले सकते हैं। उन्हें दवाएं मिल रही है या नहीं। इसके अलावा टीबी मरीजों से पूछ सकते हैं कि उनके पास राशन काडर् है, आवास है, उज्जवला का लाभ मिला है या नहीं। यदि नहीं तो सरकारी आवास के साथ ही उन्हें उपरोक्त सुविधाएं दिलाने में सहयोग कर सकते हैं। स्वास्थ्य विभाग तो इसके लिए पहल कर ही रहा है। उन्होंने बताया कि जिले में इस समय 1015 टीबी मरीजों का इलाज चल रहा है। जिले में 300 टीबी मरीजों को अधिकारियों व एनजीओ के प्रतिनिधियों द्वारा गोद लेने का लक्ष्य शासन से दिया गया है।
इस मौके पर राजापुर एसडीएम प्रमोद कुमार झा, मनिकपुर प्रमेश श्रीवास्तव, सत्यम मिश्रा, तहसीलदार मऊ शषिमकांत मणि, सदस्य और वरिष्ठ पत्रकार अरविंद सिंह रघुवंशी सहित चिकित्सक, डीपीएमआर के करवरिया डीसीपीएम विकास कुशवाहा,  सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी व एनजीओ के प्रतिनिधि मौजूद रहे।

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