Homeबुन्देलखण्ड दस्तकशारदीय नवरात्रि महापर्व की तैयारियों को अंतिम रुप देने में जुटे श्रद्धालू

शारदीय नवरात्रि महापर्व की तैयारियों को अंतिम रुप देने में जुटे श्रद्धालू

शारदीय नवरात्रि महापर्व की तैयारियों को अंतिम रुप देने में जुटे श्रद्धालू

मां दुर्गा के स्वागत के लिये सजाये जा रहे मंदिर व पंडाल

कालपी जालौन धर्म नगरी मन्दिरों के नगर कालपी धाम में मां दुर्गा के अनन्य रूपों के कई ऐतिहासिक पौराणिक और चमत्कारिक मन्दिर हैं जहां नवरात्रि पर्व बडे़ धूम धाम से मनाया जाता है सभी मन्दिरों की रंगाई पुताई साफ सफाई हो चुकी है बस इंतजार 14 अक्टूबर का जिस दिन मां का आगमन होगा !
आपको बताते चलें कि सूर्य नगरी कालपी धाम में बुन्देलखण्ड की आरराध्य देवी मां वनखण्डी , लक्ष्मी स्वरूपा मां आनन्दी, पाण्डवों द्वारा स्थापित मां पचपिण्डा देवी मन्दिर जहां मां के पचपन विग्रह पचपन मठियों मे एक ही स्थान पर दर्शन होते है ,मां दुर्गम्बा,मा सिद्धदात्री, मां काली देवी, मां शीतला ,मां फूला देवी, मां लड़ैती देवी, मां मुतिया देवी संतोषी माता, अन्नपूर्णा देवी, ये ऐसे मन्दिर है जहां पूरे नौ दिनों तक भक्तों की भारी भीड़ होती है ! प्रात; काल 4 बजे से देर रात्रि 9 बजे तक इन पावन स्थानों पर भक्त विभिन्न प्रकार से पूजन अर्चन करते हैं ! साथ सुबह शाम महाआरती होती है जिसमें सैकड़ो की भीड़ उम्हणती है ! नो दिनों तक हवन, कीर्तन, भजन, जगराता ,कन्या भोज, भण्डारा आदि विभिन्न कार्यकृम होते रहते है! देवी मन्दिरों की अधिवक्ता के चलते इस पावन धाम में देवी पण्डाल कम ही सजा ये जाते हैं फिर भी लगभग आधा दर्जन स्थानों में मां की प्रतिमा बिराजमान कराई जाती है !
नौवीं और दशमी दो दिनों तक यमुना के किलेघाट पर मूर्ति विसर्जन चलता है जिसमें नगर ही नहीं अपितु कालपी क्षेत्र के अतरिक्त पड़ोसी जनपद कानपुर देहात क्षेत्र से भी क ई प्रतिमाओं का विसर्जन होता है !
23 अक्टूबर को नवरात्रि समाप्ति होगी उसके अगले दिन दशहरा का मेला नगर के मध्य स्थित एम एस वी इण्टर कालेज के मैदान में लगता है इस दशहरा मिलन समारोह में तमाम राजनीतिक दल, समाज सेवी संस्थायें व्यापारी सामाजिक समितियां पण्डाल लगाते है और एक दूसरे से गले मिलकर वर्ष भर के सारे गिले सिकवे मिटाते हैं और मेला समाप्ति पर विशालकाय रावण के पुतले का दहन होता है ! कुल मिलाकर दस दिनों तक चलने वाले इस महापर्व पर सम्पूर्ण नगर धर्ममय हो जाता है ! चारों ओर भजनों शंख घंटा घड़ियाल की धुनों से वातावरण गुंजायमान रहता है !

RELATED ARTICLES
- Advertisment -

Most Popular