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पूर्व केंद्रीय मंत्री उमा भारती के चुनाव लड़ने के ऐलान से हिले खजुराहो, भोपाल व झांसी के नेता

पूर्व केंद्रीय मंत्री उमा भारती के चुनाव लड़ने के ऐलान से हिले खजुराहो, भोपाल व झांसी के नेता

: सांसद विष्णुदत्त शर्मा की होगी छुट्टी, प्रज्ञा सिंह व अनुराग शर्मा पर राजनैतिक संकट.!! ✍️

भाजपा की फायर ब्रांड नेत्री, मध्य प्रदेश शासन की पूर्व मुख्यमंत्री व पूर्व केंद्रीय मंत्री उमा भारती के 2024 में लोकसभा चुनाव लड़ने के ऐलान कर देने के बाद अब तीन लोकसभा सीटों पर कशमकश की स्थिति पैदा होने की संभावना है। सबसे ज्यादा संकट की स्थिति खजुराहो और भोपाल लोकसभा सीट के मौजूदा सांसदों के लिए पैदा हो सकती है क्योंकि खजुराहो भारती का पसंदीदा और स्थानीय है तो भोपाल में प्रज्ञा सिंह को कट्टरवादी छवि के लिए दिग्विजय सिंह के सामने उतारा गया था। ऐसे में उमा भारती ने चुनाव लड़ने का ऐलान कर कई लोगों की दिल की धड़़कनें बढ़ा दी हैं।
भाजपा की फायरब्रांड नेत्री उमा भारती ने 2019 में चुनाव नहीं लड़ने के अपने ऐलान पर अमल करते हुए दूरी बनाई थी लेकिन उन्होंने पृथ्वीपुर विधानसभा उपचुनाव के दौरान 2024 चुनाव में उतरने की मंशा जाहिर कर दी थी। अब केन-बेतवा लिंक परियोजना की मन्नत पूरी होने पर छतरपुर के गंज गांव के एक हनुमान मंदिर में पूजा पाठ करने के बाद उमा भारती ने खुलकर चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है। यह ऐलान उनका वैसा ही है जैसा उन्होंने 2019 चुनाव के एक साल पहले चुनाव नहीं लड़ने का किया था। इससे कई नेताओं की सांस अटक गई है।
*खजुराहो पर इसलिए पड़ेगा असर विष्णुदत्त शर्मा की होगी छुट्टी*
उमा भारती के चुनाव लड़ने के ऐलान की वजह से खजुराहो सीट पर ज्यादा असर पड़ेगा क्योंकि यहां के मौजूदा सांसद विष्णुदत्त शर्मा को वहां अभी तक बाहरी बताया जाता है। मुरैना के रहने वाले विष्णुदत्त शर्मा के पहले ऊमा भारती यहां लगातार चार बार वहां से प्रतिनिधित्व कर चुकी थीं। आज भी वे केन बेतवा लिंक परियोजना को लेकर अपने प्रयासों के बारे में समय समय पर बुंदेलखंड के लोगों को कई बार बता चुकी हैं। खासकर वे छतरपुर-खजुराहो में यह बातें खुलकर कहती रही हैं। यह सीट उनकी सबसे ज्यादा पंसदीदा सीट मानी जाती रही है।
*भोपाल लोकसभा सीट पर ऐसे पड़ेगा प्रभाव*
खजुराहो के अलावा दूसरी सीट है भोपाल जहां से उमा भारती 1999 में सांसद बनी थीं और अटलबिहारी बाजपेयी की सरकार में मंत्री भी बनी थीं। इस सीट पर साध्वी प्रज्ञासिंह ठाकुर को दिग्विजय सिंह को कट्टरवादी छवि की वजह से उतारा गया था। आने वाले चुनाव में अगर उमा भारती उतरेंगी तो भोपाल लोकसभा सीट भी उनके लिए एक विकल्प माना जा रहा है।
*बुंदेलखंड का दूसरा विकल्प झांसी*
उमा भारती के 2024 चुनाव लड़ने की घोषणा के बाद तीसरी लोकसभा सीट झांसी पर उनकी नजर हो सकती है क्योंकि यह बुंदेलखंड का सबसे प्रमुख शहर है। केन-बेतवा लिंक परियोजना को साकार रूप दिलाने के बाद उनका बुंदेलखंड के प्रति जुड़़ाव को झांसी सीट से चुनाव मैदान में उतरकर वे प्रदर्शित कर सकती हैं। यहां से वे 2014 में लोकसभा सदस्य भी रह चुकी हैं।

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