बेमौसम बरसात व ओलावृष्टि के कारण किसानो को मृत्यु तुल्य कष्ट।।
बेमौसमी अतिवृष्टि,ओलावृष्टि ने किसानो की छीनीं रोजी रोटी
रामपुरा (जालौन):तहसील क्षेत्र में बेमौसमी बरसात शुक्रवार से रविवार को होने के कारण किसानों के चेहरों में मायूसी छा गई है जनपद के सभी ग्राम पंचायत में जोरदार बारिश तो कहीं ओलाबष्टि का असर देखने को मिला और कहीं जोरदार कहीं हल्की बारिश होने के कारण रवी की फैसले बर्बाद होने की कगार पर पहुंच गई हैं। चना,मसूर,अरहर,सरसों आदि असिंचित फसलों को भारी नुकसान हुआ है । किसान बहुत चिंतित है कहीं जोरदार बारिश होने के कारण गेहूं के फसलों में भी काफी नुकसान होने के आसार है।ग्रामीण क्षेत्र में मीडिया कर्मियों के भ्रमण के दौरान किसानो व मौके पर उपस्थित धूता प्रधान साहब सिंह ने बताया कि इस बेमौसमी बरसात से जो किसान ने क्षेत्र में फसल बो रखा है उन फसलों में काफी नुकसान देखने को मिल रहा है मार्च में पौधे अपने वृद्धि के साथ फूल फलियां देना शुरू कर दिया करते हैं इस बरसात की वजह से फसले गिर गई है। जिससे फसल की पैदावार बहुत कम होगी। किसान लगभग 5 वर्षों से दैवीयआपदा का शिकार होता चला आ रहा है।
ग्रामीण अनुरूद्ध,अमित,श्यामसिंह,राजू का कहना है कि सिंचित क्षेत्र में गेहूं की फसल को शुक्रवार से रविवार को दोबारा बारिश आंधी कौर ओलावृष्टि से गेहूं की फसल को भी भारी नुकसान हो गया है वही प्रधान ने बताया कि हमारे क्षेत्र में करीब 500 बीघा फासले पूरी तरह से नष्ट हो गई है और असंचित फसल चना मसूर सरसों अरहर आदि फसलों के लिए यह बारिश काफी नुकसानदायक है। मसूर की फसल में लासी लग जाने के कारण फसल पूरी तरह से नष्ट हो गई है। चना की फसल खराब हो रही है। फल नहीं लगेंगे जिससे किसान को काफी नुकसान हो जाने के कारण किसान बैंकों से किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से लिए गए ऋण का भुगतान किस प्रकार से कर पाएगा जो चिंता का विषय है। इसी प्रकार सरसों की फसल में काफी नुकसान हो रहा है इस बरसात से आलू की फसल की पैदावार में 50 प्रतिशत का घाटा किसानों को हो सकता है ।बेमौसम बरसात को देखते हुए सभी आसपास गांव के लोगों ने बताया कि शुकवार को दोबारा बारिश हो जाने के कारण फसल की लगभग 80 प्रतिशत पैदावार कम हो जायेगी । किसानों के द्वारा फसल में किए गए खर्च की भी भरपाई नहीं हो पा रही है। जिले के कई ब्लॉकों के गांव में ओलावृष्टि हो गई है और कहीं-कहीं तेज बारिश फसल पूरी तरह से चौपट हो गई है किसान बहुत चिंतित है किसानों को मृत्यु कष्ट महसूस हो रहा है।।