Homeबुन्देलखण्ड दस्तकपुजारी का रामजानकी मंदिर बनवाने का अद्भुत संकल्प

पुजारी का रामजानकी मंदिर बनवाने का अद्भुत संकल्प

पुजारी का रामजानकी मंदिर बनवाने का अद्भुत संकल्प

55 वर्षों से मंदिर के लिए मेहनत मजदूरी से कर रहा धन अर्जित

पूर्व कैबिनेट मंत्री ने रखी थी मंदिर की आधारशिला

मदिर के लिए शासन, प्रशासन से लेकर जनप्रतिनिधियों ने भी नहीं की मदद

कालपी (जालौन) नगर से महज 8 किलोमीटर की दूरी पर बसे ग्राम काशीखेरा में कुकरताल के समीप जूनागढ़ अखाड़े से ताल्लुक रखने वाले 95 वर्षीय वृद्ध पुजारी दयालमुनि उर्फ हरदयाल 55 वर्षों से भक्ति रस में इस कदर लीन हुए कि माली हालत ठीक ना होने के बावजूद सांसारिक सुखों को दरकिनार करते हुए उन्होंने रामजानकी मंदिर बनवाने का संकल्प लिया। चूंकि माली हालत ठीक नहीं थी तो बटाई पर खेत लेकर खेती व मजदूरी करके एवं स्वयं कच्चे आश्रम में रहते हुए उन्होंने रामजानकी मंदिर के लिए एक एक पाई जोड़कर मंदिर में निर्माण कराया। उन्होंने मंदिर के लिए कभी किसी से ना ही सहयोग मांगा और ना ही किसी ने स्वयं से सहयोग करने की चेष्टा की। उनके मुताबिक मंदिर में वे अभी तक अपने द्वारा कमाई गयी राशि लगभग ढाई लाख रुपये लगाकर निर्माण कार्य करवा चुके हैं। परन्तु अभी भी मंदिर में शिखर, लेंटर, फर्श, छपाई, रंग-रोगन आदि कार्य करवाये जाने की आवश्यकता है।

टीनशेड के नीचे 35 वर्षों से विराजमान हैं मूर्तियां

95 वर्षीय पुजारी दयालमुनि के अनुसार पिता की मृत्यु के बाद भक्ति भाव में वे इस कदर डूबे कि मेहनत मजदूरी करके धन अर्जित करते और धन एकत्रित करके जोधपुर से मूर्तियां मंगवाईं और 35 वर्षों से राम दरबार, हनुमान जी, दुर्गा माँ, काली मां एवम भगवान शिव को टीन शेड के नीचे रखकर रोजाना पूजन अर्चन व आरती करते हैं एवम प्रभु के सानिध्य में घण्टों बैठकर मंदिर बनने का स्वप्न देखते हैं।

मंदिर में मूर्तियों की स्थापना जीवन का लक्ष्य

रामजानकी मंदिर के पुजारी दयालमुनि ने बताया कि मेरे सम्पूर्ण जीवन का एकमात्र लक्ष्य है कि रामजानकी मंदिर बनकर पूर्ण हो जाये व मेरे प्रभु उस मंदिर में विराजमान हो जाएं, इसके बाद मैं परलोक सिधार जाऊं मुझे उससे कोई आपत्ति नहीं होगी। उन्हें दिन रात बेहद चिंता मात्र अधूरे मंदिर की है कि कहीं ऐसा ना हो कि मंदिर पूर्ण करवाये बिना मेरे प्राण पखेरू उड़ जाएं तो मेरे प्रभु टीनशेड के नीचे ही रह जाएंगे।

पूर्व कैबिनेट मंत्री ने रखी थी मंदिर की आधारशिला

23 नवम्बर 1998 को पूर्व कैबिनेट मंत्री स्व. बाबू राम दादा एम कॉम ने मंदिर की आधार शिला रखी थी। बावजूद इसके शासन प्रशासन से लेकर किसी भी जनप्रतिनिधि ने मंदिर के लिए कभी भी कोई ध्यान नहीं दिया।

फोटो – 1 – निर्माणाधीन मंदिर

फोटो – 2 – टीनशेड के नीचे विराजमान रामदरबार व अन्य देव प्रतिमाएं

फोटो – 3 – 95 वर्षीय पुजारी दयालमुनि उर्फ हरदयाल

फोटो – 4 – पूर्व कैबिनेट मंत्री स्व. बाबूराम दादा के द्वारा लगवाया गया शिला लेख

RELATED ARTICLES
- Advertisment -

Most Popular