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सोनभद्र

मन – बल

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मंजिल सामने है, हिम्मत जुटाओ तो सही , काँरवा चलेगा एक दिन, राह बनाओ तो सही । पुरुषार्थ गिरने में नहीं, गिर कर उठने में है , गिरोगे कई बार, कदम बढ़ाओ तो सही । कब तक किस्मत को कोसोगे, इस जीवन में, बदलेगा...