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ग्राम पारेन के जंगल में अचानक आग लगने से किसानों में हुई उथल-पुथल

ग्राम पारेन के जंगल में अचानक आग लगने से किसानों में हुई उथल-पुथल

लगभग 5 एकड़ जंगल में अचानक लगी आग

कुठौंद( जालौन ) विकासखंड कुठौंद थाना क्षेत्र कुठौंद के ग्राम पारेन की जंगल में अचानक आग लग गई जिसे देखते ही देखते आग की लपटों ने विकराल रूप धारण कर लिया। जब तक ग्रामवासी कुछ समझ पाते तब तक आग की लहरें प्रचंडता की ओर बढ़ रही थी ।फायर ब्रिगेड को सूचना दी गई जो मौके पर पहुंच चुकी है।मिली जानकारी में बताया गया है कि ग्राम पारेन के पास जंगल में जिस जगह पर आग लगी थी !उस जगह पर कोई विद्युत के तार भी नहीं हैं! ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि किसी ने बीड़ी सिगरेट पीकर उसे छोड़ दिया हो जिससे आग की लपटें पल भर में विक्रालता की ओर बढ़ गयी। ग्रामीण ने मौके पर पहुंच कर आग को काबू में किया तथा खेतों में पकी खडी किसानों की फसल की क्षति होने से बचा लिया। बताया गया है की 5 एकड़ के करीब एरिया आग ने अपने आगोश में ले लिया था गनीमत यह रही गांव के किनारे स्थित खेतों में आग की लपटे नहीं आ पाई और उस पर काबू पा लिया गया अन्यथा बहुत बड़े नुकसान की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता था। मौके की सूचना पाकर थाना पुलिस भी मौके पर पहुंची तथा लोगों से ग्रीष्म ऋतु में में किसी भी प्रकार की लापरवाही न बरतने की अपील की। काश यदि यह मामला कहीं रात का होता तो बड़े नुकसान से इनकार नहीं किया जा सकता था। जंगल में आग लगने की सूचना मिलते ही घटना स्थल पर पहुंचे एस आई शिव भूषण प्रजापति के द्वारा जंगल में लगी आग को काबू करने के लिए ग्राम वासियों से अपील करते हुए कहा जब तक फायर ब्रिगेड गाड़ी नहीं आती है तब तक आप लोग अपनी तरफ से आग बुझाने का प्रयास जारी रखें !जंगल में लगी आग ग्रामीणों द्वारा शांत कर ली गई इसके बाद दमकल विभाग के लोग मौके पर पहुंचे उन्हें अपना कार्य करने की कोई आवश्यकता नहीं पड़ी क्योंकि तब तक आग बुझ चुकी थी ! क्षेत्रीय किसान गणों की शासन व प्रशासन से मांग है की ग्रीष्म ऋतु के चलते खेतों में खड़ी फसल के दौरान यदि दमकल विभाग द्वारा एक फायर ब्रिगेड मशीन ब्लॉक स्तर पर मुस्तैद की जाए तो तत्काल प्रभाव से आग लगने जैसी घटनाओं पर काबू पाया जा सकता है क्योंकि मुख्यालय की दूरी लगभग 60 किलोमीटर होने के कारण फायर ब्रिगेड गाड़ी आने में समय का काफी विलंब हो जाता है इसलिए ग्रामीणों की गवार है ग्रीष्म ऋतु के दौरान इस मांग को अमल में लिया जाए!

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